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जिलाधिकारी की बड़ी कार्रवाई, सीडीपीओ सुपरवाइजर सहित तीन के खिलाफ कार्रवाई

locationउन्नावPublished: Nov 18, 2018 07:59:52 pm

Submitted by:

Narendra Awasthi

पंजीरी बेचने के जुर्म में जेल गई राजरानी ने जमानत पर बाहर आने के बाद मुंह खोला तो मचा हड़कंप, जिला कार्यक्रम अधिकारी से खास बातचीत

पंजीरी बेचने

जिलाधिकारी की बड़ी कार्रवाई, सीडीपीओ सुपरवाइजर सहित तीन के खिलाफ कार्रवाई

उन्नाव. पंजीरी बेचने के जुर्म में जेल भेजी गई आंगनवाड़ी कार्यकत्री प्रकरण के मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने पत्रिका से खास बातचीत में बताया कि जिलाधिकारी द्वारा मामले को संज्ञान में लिया गया है और बाल विकास परियोजना अधिकारी, सुपरवाइजर और आंगनवाड़ी कार्यकत्री के बीच दुरभि संधि पाई गई है। जिसके कारण जिलाधिकारी ने तीनों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि अदालत का निर्णय आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है लगभग 2 बोरी पंजीरी बरामद होने के बाद बाल विकास परियोजना अधिकारी नवाबगंज की तहरीर पर अजगैन थाना में अभियोग पंजीकृत कर पुलिस ने आंगनवाड़ी कार्यकत्री राजरानी निवासी भदेयू मजरा शाहपुर माखी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। एक महीना जेल की सजा काटने के बाद राजधानी जमानत पर छूटकर बाहर आई। राजधानी के बाहर आने के बादपंजीरी का खेल सामने आया।

राजरानी ने मुंह खोला तो मचा हड़कंप

बाहर आने के बाद राजरानी ने अपना मुंह खोला तो हड़कंप मच गया। जांच के घेरे में सीडीपीओ नवाबगंज विकासखंड और सुपरवाइजर भी आ गई इस संबंध में बातचीत करने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश प्रताप सिंह ने बताया कि विगत वर्ष के सितंबर माह का प्रकरण है। जिसमें पंजीरी बेचने का मामला सामने आया था। बाल विकास परियोजना अधिकारी की तरफ से मामला दर्ज कराया गया था। मामला संज्ञान में आने के बाद बाल विकास परियोजना अधिकारी की तरफ से आख्या प्रस्तुत करना चाहिए था और तत्काल कार्रवाई की जानी थी। जो नहीं की गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद कि जानबूझकर देरी से प्रस्तुत की गई। दूसरी तरफ आंगनवाड़ी कार्यकर्ती की तरफ से प्रार्थना पत्र आने लगा कि उन्हें ज्वाइन कराया जाए।

पत्रावली निरीक्षण के बाद जिलाधिकारी की बड़ी कार्रवाई

उक्त प्रकरण जब जिलाधिकारी के संज्ञान में आया। तब उन्होंने पत्रावली का निरीक्षण किया। जिससे यह बात सामने निकलकर आई सीडीपीओ, सुपरवाइजर व आंगनवाड़ी कार्यकत्री के बीच दुरभि थी। जिसके बाद जिलाधिकारी के आदेश पर बाल विकास परियोजना अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई। सुपरवाइजर को निलंबित कर दिया गया और आंगनवाडी कार्यकत्री की मानदेय आधारित सेवा को समाप्त कर दिया गया। रिश्वत के संबंध में वायरल हो रहे ऑडियो पर जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने संबंधित क्लर्क से बातचीत की है, तो उन्होंने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकत्री द्वारा जॉइनिंग के लिए दबाव बनाया जा रहा था। जिसके बाद इस तरह की बातें सामने निकल कर आ रही हैं।
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