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अनुभव को नकार यहां नए और अनुभवहीन को दी जा रही नौकरी, हड़ताल पर कर्मी

locationउन्नावPublished: Jan 23, 2019 08:11:18 pm

Submitted by:

Narendra Awasthi

एनम, आरएनटीसीपी, आरबीएसके, एनयूएचएम, आशा, बाल स्वास्थ्य मिशन, लैब टेक्नीशियन, संविदा फार्मासिस्ट के कर्मचारी हड़ताल पर

 संविदा कर्मचारी संघ

अनुभव को नकार यहां नए और अनुभवहीन को दी जा रही नौकरी, हड़ताल पर कर्मी

उन्नाव. अपनी मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ हड़ताल पर है। संविदा कर्मचारियों की मांग है कि नवीन पद का सृजन कर संविदा कर्मियों का समायोजन किया जाए। अपनी मांगों के संबंध में हड़ताल संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि वह लोग विगत कई वर्षों से स्वास्थ्य विभाग में श्रम साध्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उनके अनुभव को नकारते हुए नए पदों पर नए अनुभवहीन लोगों की भर्ती की जा रही है। जिससे स्वास्थ्य कार्य भी प्रभावित हो रहा है। स्थानीय मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के समक्ष उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ हड़ताल संघर्ष समिति के बैनर तले धरना प्रदर्शन दे रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में एनम, आरएनटीसीपी, आरबीएसके, एनयूएचएम, आशा, बाल स्वास्थ्य मिशन, लैब टेक्नीशियन, संविदा फार्मासिस्ट के कर्मचारी शामिल है।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का भी अनदेखा

जिलाध्यक्ष डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश समान कार्य समान वेतन का भी अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समायोजन में विलंब है तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू कर समान काम समान वेतन का लाभ दिया जाए। जिलाध्यक्ष ने कहा विशिष्ट सेवा नीति बनाकर जॉब सिक्योरिटी सुरक्षा प्रदान किया जाए। संविदा कर्मी अपने सेवाकाल में दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं और अपनी जान गवा चुके हैं। लेकिन उन्हें आर्थिक रूप से कोई भी मदद नहीं दी जाती है। उन्होंने तैयार मानव संसाधन नीति एवं स्वीकृत लॉयल्टी मिशन निदेशक एनएचएम उत्तर प्रदेश में लंबित है को लागू करने की मांग की है।
ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने की मांग

ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ बोलते हुए डॉ अनिल कुमार ने कहा आउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवाएं लेने हेतु ना तो कोई निर्धारित नीत है और ना ही गाइडलाइन निर्गत की गई है। जिससे ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने की मांग की। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं स्वास्थ्य कार्यक्रमों के के अंतर्गत केंद्र और प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी व महत्वपूर्ण कार्यों में आशा रीढ़ की हड्डी के रूप में काम करती हैं। आज मां – बच्चे, किशोर – किशोरियों, जनसंख्या नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में आशा महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। लेकिन उन्हें एक निश्चित मानदेय नहीं दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आशा को आंगनवाड़ी कार्यकत्री की भांति एक निश्चित मानदेय निर्धारित कर उन्हें भी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। जिससे उनको भी अपने परिवार का जीवन यापन करने में सहयोग मिले। इस मौके पर जिला महामंत्री सत्येंद्र सिंह राजावत, कार्तिकेय प्रताप सिंह, प्रदेश महामंत्री आई एम तवाब, ममता देवी, हर्ष तिवारी, विनोद यादव, प्रदीप कुमार दिवाकर सहित सैकड़ों की संख्या में आंदोलित कर्मचारी मौजूद थे।

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