उमरियाPublished: Apr 17, 2019 06:21:56 pm
amaresh singh
बाल घोषणा पत्र अभियान
मासूम बच्चों के हक के लिए मतदान करेंगे युवा
उमरिया। वन सम्पदा और आदिवासी संस्कृति से युक्त इस जिले में बच्चों के बीच गंभीर कुपोषण है। इसके साथ ही जिले में बाल श्रम एवम भीख मांगने की समस्या भी व्याप्त है। इन सभी बच्चों को पर्याप्त पोषण और संरक्षण मिले इसलिए आज बच्चों के हक में मतदान करने की जरूरत है। यह बात अजमत उल्ला खान ने बाल श्रम विरोधी अभियान द्वारा आयोजित जिला स्तरीय बाल संवाद में कही। ग्राम पंचायत धवईझर में आयोजित बाल संवाद में स्थानीय युवाओं ने लोकसभा चुनाव में बच्चों द्वारा तैयार घोषणा पत्र के मुद्दों को लेकर आवाज उठाने एवम बच्चों के हक में मतदान करने का संकल्प लिया। इस आयोजन में पहली बार वोटिंग करने वाले ग्रामीण साथियों ने अपनी बात रखा जिसमें हितेश सिंह ने कहा कि गाँव में पानी की बहुत कमी है जिसके चलते बच्चों को स्कूल में पेयजल की दिक्क़त का सामना करना पड़ता है, उमेश सिंह ने कहाँ कि बच्चों की शिक्षा का स्तर गाँव में अच्छा नहीं है स्कूलों में शिक्षकों की कमी है अच्छी शिक्षा सब का अधिकार है इसके लिए शिक्षा एक बड़ा मुद्दा चुनाव का होना चाहिए, कौशल्या ने कहाँ कि 8 वी के बाद हमें पढ़ाई करने के लिए 10 किमी दूर निगहरी या मंजमानीकला जाना होता है इतने दूर जाने आने में कई परेशनियों का सामना करना होता है जिस कारण कई लड़कियों को पढ़ाई छोडऩी पड़ती है, संतोष सिंह ने कहा कि आकाशकोट क्षेत्र के स्कूलों में पेयजल व शौच के लिए भी पानी की उपलब्धता नहीं है कोई भी पार्टी बच्चों के मुद्दों में बात नहीं कर रही है ऐसे में बच्चों का जीवन बहुत खऱाब हो रहा है हम उस पार्टी को वोट करेंगे जो बच्चों के अधिकार पर बात करें। बच्चों के मुद्दे राजनीति के केंद्र में आएं ताकि बाल केंद्रित विकास हो इसलिए बाल घोषणा पत्र तैयार किया गया है। यह स्थानीय आयोजन राष्ट्रीय युवा संगठन , जेनिथ यूथ फाउंडेशन द्वारा बाल श्रम विरोधी अभियान के तहत सेव द चिल्ड्रेन एवं संस्था निवसीड बचपन के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम का संचालन सम्पत नामदेव ने किया।