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स्पोर्ट्स आफीसर, मैदान व खेल सामग्री की नहीं है व्यवस्था

locationउमरियाPublished: Jul 15, 2019 11:58:44 am

Submitted by:

Ramashankar mishra

कालेजो में संचालित नहीं हो रही है खेल गतिविधियां

No arrangement of sports officer, field and sports material

स्पोर्ट्स आफीसर, मैदान व खेल सामग्री की नहीं है व्यवस्था

उमरिया. शैक्षणिक गतिविधियों के साथ ही खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास संसाधनों व खेल मैदानों के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। आलम यह हैं कि जिले में संचालित पांच शासकीय कालेजो में से कहीं भी समुचित खेल मैदान व खेल सामग्री मुहैया नहीं कराई गई है। सामग्री व मैदान के अभाव में छात्रों की खेल गतिविधियों पर ग्रहण लग गया है। लगभग 3 हजार से अधिक छात्र संख्या में इन पांचो शासकीय कालेजो में से कुछ के पास तो स्वयं का भवन ही नहीं है। जहां भवन है भी तो वहां सर्व सुविधा युक्त खेल मैदान व खेल सामग्री के साथ ही स्पोर्टस आफीसर की कमी बनी हुई है। जबकि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा खेलों को अध्ययन के साथ अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हुए प्रति वर्ष खेल कलेण्डर जारी किया जाता है। जिसमें लगभग 38 प्रकार की खेल गतिविधियां शामिल की जाती है। शासन द्वारा यह कैलेण्डर शिक्षण सत्र प्रारंभ होने और कक्षा संचालन के कुछ ही समय बाद कॉलेजों को जारी कर दिया जाता है। इसी अनुरूप खेल अभ्यास करानेे होते हैं और विभिन्न स्तरों पर आयोजित होने वाली स्पर्धाओं के लिए तैयारी करानी पड़ती है। स्थिति यह है कि मैदान व स्पोटर््स आफीसर केवल उमरिया अग्रणी महाविद्यालय के पास है। शेष कॉलेजों में इनका अभाव है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि महाविद्यालयीन शिक्षा से जुड़े छात्र-छात्राओं को खेलों के लिए कितना अवसर प्राप्त होता होगा। इस वर्ष स्थिति में सुधार लाने सभी कॉलेजों में स्पोर्ट्स आफीसर की नियुक्ति की गई है। जो कि छात्र-छात्राओं को खेलों का अभ्यास कराएंगे।
किराए के भवनों में नहीं मैदान की सुविधा
जिले के पांच कॉलेजों में से 3 नौरोजाबाद, चंदिया, मानपुर के नए कॉलेज हैं। इनका संचालन कुछ वर्षों से हो रहा है। लेकिन इनके पास अभी तक अपने न तो भवन बने और न मैदान की सुविधा मिली। यह कॉलेज किराए के भवनों में संचालित हो रहे हैं जहां जगह की काफी कमी है। इन कॉलेजो में खेलों का अभ्यास कराने स्पोर्ट्स आफीसर की नियुक्ति नहीं की गई थी। इसके अलावा खेल सामग्रियां का भी अभाव है। जिसके चलते यहां खेल गतिविधियों के संचालन संभव ही नहीं है। इस वर्ष यहा स्पोट आफीसर आ गए हैं पर मैदान और सामानों के बिना खेल होना कठिन ही प्रतीत होता है।

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