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डेम में रसायनिक पदार्थों से मछलियों का शिकार

locationउमरियाPublished: Jul 15, 2019 10:43:12 pm

Submitted by:

ayazuddin siddiqui

प्रतिबंध के बावजूद मछलियों का शिकार जारी

Fishery hunting with chemical substances in Dame

डेम में रसायनिक पदार्थों से मछलियों का शिकार

बिरसिंहपुर पाली. संजय गांधी ताप विद्युत परियोजना के जोहिला डेम में प्रतिबंध के बावजूद मछलियों का शिकार जारी है। जहां दिन रात स्थानीय लोगो की सह पर बड़े व्यवसायी मत्स्याखेट करा रहे है। गौरतलब है कि जोहिला डेम के अघोषित घाट में जाल लगाकर मछली मारी जाती है जिसे स्कूली वेन लिखे वाहनों से छोटी तूम्मी मार्ग होकर शहडोल घुनघुटी व पाली सहित अन्य क्षेत्र में व्यवसाय के लिए ले जाया जाता है। बताया गया है कि डेम से जुडऩे वाली सुन्दर दादर के समीप नदियों में भी बहुतायत मात्रा में मछली का शिकार बेरोक टोक किया जाता है। बीते दिनों से यह बात भी सामने आ रही है कि बरसात न होने से मछली जल्द जाल में नही फंसती इसलिए अब रसायनिक पदार्थो का प्रयोग भी किया जाने लगा है। जिससे छोटी व बड़ी मछली भारी तादात में मारी जा रही है। डेम से लगे क्षेत्र अमवारी, मंठार, बन्धवा टोला, कलदा, मछेहा टकटई आदि क्षेत्र से भी मछली व्यवसायी शिकार कर आसपास के क्षेत्र में मछली का बेधड़क व्यवसाय कर रहे है। जिसमे मत्स्य पालन विभाग व पुलिस प्रशासन की भूमिका संदिग्ध है। बीते दिन मंठार से लगे कुरकुचा गांव के घाट में देर रात्रि भारी तादाद में मत्याखेट की बात सामने आ रही है। बताया गया है कि रात्रि में डेम पर लगाये गए जाल सुबह भोर में निकाल लिए जाते है। जिनमे फंसी मछलियों को ठीहे में 70 रुपये प्रतिकिलो की दर से व्यवसायी खरीद कर विभिन्न व्यवसाय स्थलों में 150 रुपये प्रतिकिलो की दर से बेंचते है। बीते दिन मत्स्य पालन समिति के पदाधिकारी देवलाल इंद्रपाल सिंह आदि ने मछली मारने वालों को मछली सहित पकड़ा था। जिसमे विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में दिखावे की कार्यवाही भी की गई थी। बहरहाल भले ही शासन ने 15 अगस्त तक मछली शिकार करने में रोक लगाई हो लेकिन उसका कोई पालन नही हो रहा है।

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