सांसद के गांव में 31 दिन की फरवरी
अधिकारी बेखबर: शिलालेख बना गवाह
सांसद के गांव में 31 दिन की फरवरी
उमरिया. हम सबने फरवरी 28 और 29 दिन की जानते है लेकिन 31 दिन की फरवरी भी होती है इसे अगर देखना हो तो शहडोल संसदीय क्षेत्र के सांसद के गांव में जाकर देखा जा सकता है। जहां पर इसका जीता जागता साबूत निर्माण कार्य मे लगाया गया पत्थर गवाह है। जिले के छादाखुर्द मे रहने वाले सांसद ज्ञान सिंह के गांव मे गड़ा सडक निर्माण का शिलालेख कुछ ऐसी ही उक्ति को साबित करता हुआ दिखाई देता है। यह शिलालेख प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना के अंतर्गत पोंड़ी से देवगवां खुर्द के बीच बनने वाली 2 किलोमीटर लंबी सडक का है। जिस पर कार्य प्रारंभ करने की तारीख 31 नवंबर 2014 अंकित है, जबकि पूर्णता के समय का स्थान खाली है। सबसे ज्यादा मजे की बात यह है कि इस कार्य के संधारण का प्रारंभ 31 फरवरी 2014 से होना था। फरवरी 28 दिनो की होती है, लिहाजा यह तारीख आज तक न तो आई है, और ना ही आयेगी। शायद यही वजह सडक के दुर्दशा की जिम्मेदार भी है, क्योंकि मेंटीनेंस का सीमा समय की सारी बाधाओं से परे है।
शिलालेख में और क्या
दसअसल यह शिलालेख नौरोजाबाद से डिंडौरी रोड पर शहडोल संसदीय क्षेत्र के सांसद ज्ञान सिंह के गांव पहुंच मार्ग के मुहाने पर गड़ा है। जिस पर लागत की राशि का स्थान खाली है। वहीं ठेकेदार के स्थान पर ज्ञानेन्द्र सिंह एवं कंसल्टेंट एजेन्सी मे. वाप्कोस कंसलटेण्ट लिमिटेड द्वारा किया जाना लिखा हुआ है।
चार सालों से नहीं ली सुध
पिछले चार सालों से गड़ा सडक निर्माण के भूमिपूजन का यह शिलालेख प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रक्रिया का जीता-जागता प्रमाण है। शायद उन्हे इस बात की तनिक भी चिंता नहीं है, कि लोग इस बारे मे क्या सोचते होंगे। हलांकि इससे विभाग के सांथ-सांथ जनप्रतिनिधियों की भी छवि धूमिल हो रही है।
मजा लेते हैं मुसाफिर
पोंडी-देवगवां खुर्द के सडक निर्माण का यह शिलालेख स्थानीय लोगों के अलावा यहां से गुजरने वाले मुसाफिरों के लिये भी हंसी का पात्र बना हुआ है। बताया जाता है कि यहां से निकलने वाले इस पर नजर पड़ते अपना वाहन रोक देते हैं। अब तक कई लोग शिलालेख के सांथ सेल्फियां भी ले चुके हैं।
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