किसानों को पता नहीं, मिट्टी प्रयोगशाला में लाखों की खरीदी
उमरियाPublished: Sep 23, 2018 06:02:05 pm
प्रचार प्रसार की कमी
किसानों को पता नहीं, मिट्टी प्रयोगशाला में लाखों की खरीदी
उमरिया. कृषि कर्मण अवार्ड राष्ट्रीय स्तर पर लगातार पाचंवी बार मध्यप्रदेश सरकार को मिल चुका है। लेकिन उमरिया जिले के किसानों की हालात में कोई ज्यादा सुधार दिखायी नहीं दे रहा है। इसका सबसे बडा कारण है शासन स्तर पर जिन योजनाओं को लागू किया जाता है, उनको सही तरीके से कृषि से सम्बन्धित विभागों द्वारा क्रियान्वन न कर पाना। ऐसी ही एक योजना मिट्टी परीक्षण के साथ किसानों को स्वाईल हैल्थ का वितरण करना है। इस योजना के माध्यम से किसानों को अपनी भूमि में किन तत्वों की कमी है, और किन तत्वों की अधिकता का पता चलता है। किसानों की इतनी महत्वपूर्ण जानकारी नि:शुल्क उपलब्ध करायी जाती है। लेकिन जानकारी और प्रचार प्रसार की कमी के कारण जिले के अधिकांश किसानेां को इस योजना का जानकारी ही नहीं है। यह अलग बात है कि इस प्रयोगशाला में लगातार मिट्टी परीक्षण के लिए लाखों रूपयों की सामग्री की खरीदी की जाती है। इस खरीदी गयी सामग्री से किसानों को कितना लाभ मिलता है, और कितना अधिकारियों को ये सबसे बड़ा विषय हर समय बन जाता है। पूर्व डिप्टी डायरेक्टर कृषि एनपी सुमन ने सन् 2017 में मिट्टी परीक्षण शाला के लिए सामग्री की खरीदी ठीक वित्तीय वर्ष समाप्ति की पहले की थी।
यानि 31 मार्च 2017 के समाप्ति से ठीक एक सप्ताह पहले 27 लाख की खरीदी की गयी। अब इस बार सितम्बर 2018 में एक बार फिर इस सप्ताह मिट्टी प्रयोगशाला के लिए लाखों रूपयों की खरीदी की गयी है। कृषि विभाग सूचना के अधिकारी के तहत जानकारी देने में अपने आप को असहाय महसूस करते है। किसी भी जानकारी का जबाब कृषि विभाग के द्वारा नहीं दिया जाता है। जैविक खेती के नाम पर करोड़ोंं रूपयों का वारा न्यारा करने के बाद कृषि विभाग के अधिकारियों की नजर में मिट्टी प्रयोगशाला है। जहां से किसी प्रकार की सामग्री की खरीदी करते हुए सीधे अपने जेब में कमीशन को डाला जा रहा है।
प्रत्यक्ष कि प्रमाणम के आधार पर जो सागग्रियां मिट्टी प्रयोगशाला में लायी जाती है, उसी आधार पर जानकारी दी जा रही है। मिट्टी प्रयोगशाला के अस्वच्छ वातावरण मे जिस प्रकार से सामग्रियां रखी गयी है, उसी से स्पष्ट हो रहा है, इससे किसानों को कितना लाभ पहुंचा जायेगा। धूल और गर्द में किसानों के हजारों स्वाईल हैल्थ कार्ड प्रयोगशाला में बिना बंटे हुए बिखरे हुए देखे जा सकते हैं। गौरतलब है कि किसानों को बांटे जाने वाले स्वाईल हैल्थ कार्ड भी अभी तक मिट्टी प्रयोगशाला में रखे हुए हैं।
इनका कहना है
मिट्टी प्रयोगशाला में जो सामग्री की खरीदी की गयी है, वो कृषि विभाग के माध्यम से की गयी है। इस सामग्री से किसानों की स्वाईल का एनालिशिस किया जाता है। खरीदी की कीमत की जानकारी मुझे नहीं हैं।
शत्रुघ्न तिवारी, मिट्टी प्रयोगशाला प्रभारी