scriptवाहन के गुजरते ही उठता है धूल का गुबार | Due to the passing of the vehicle, the dust sinks | Patrika News

वाहन के गुजरते ही उठता है धूल का गुबार

locationउमरियाPublished: Oct 26, 2018 05:32:33 pm

Submitted by:

ayazuddin siddiqui

नहीं होती वाटरिंग, धीमी गति से चल रहा काम

Due to the passing of the vehicle, the dust sinks

वाहन के गुजरते ही उठता है धूल का गुबार

उमरिया. बड़े शहरों की तर्ज पर सीसी एनएच निर्माण आसपास के ग्रामीणों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। निर्माण एजेंसी की सुस्त चाल में प्रगति राहगीरों को मुफ्त बीमारी परोसा रही है। नौरोजाबाद व पाली से शहडोल के बीच डामरीकृत सडक़ भी पूरी तरह उखड़ चुकी है। करकेली से नौरोजाबाद के बीच सडक़ निर्माण के दौरान पानी का छिडक़ाव नहीं हो रहा। सुबह शाम वाहनों के गुजरते ही धूल का बवंडर उठ रहा है।
प्रतिदिन रात के अंधेरे में दोपहिया से लेकर बड़े ट्रक डस्ट के चलते हादसे का शिकार हो रहे हैं। जानकारी अनुसार एनएच-43 उमरिया से शहडोल तक पैकेज दो 73 किलोमीटर टू लेन सडक़ का कार्य 333 करोड़ रुपये से कराया जा रहा है। इस पैकेज का ठेका चैन्नई की कंपनी जेव्हीआर को मिला है। एमपीआरडीसी द्वारा वर्ष 2015 में सडक़ निर्माण को टेण्डर फाइनल हुआ था।
सालभर में कटनी से उमरिया तथा शहडोल फेज की सडक़ें बनकर तैयार हैं। दूसरी ओर उमरिया जिले के लोग अधिकारियों की लापरवाही से धूल फांक रहे हैं। पहले पाली, घुनघुटी इलाके में पेड़ कटाई के नाम पर लेट लतीफी हुई। फिर बारिश में महीनों काम बंद रहा। अब त्योहार गुजरने के बाद भी कार्य की सुस्त गति लोगों की धडक़नें बढ़ा रहा है।
बेअसर हो रहे निर्देश
सडक़ निर्माण की गति को देखते हुए बारिश के पूर्व कलेक्टर से लेकर कमिश्नर तक कई बार फटकार लगा चुके हैं। दो साल गुजरने के बाद महज कुछ फीसदी कार्य भी पूर्ण नहीं हुआ। भोपाल से लेकर दिल्ली तक पत्राचार के बाद ठेका कंपनी ने किसी तरह कार्य शुरू किया। बरही से पठारी फाटक तक केवल मिट्टी डालकर अर्थवर्क की औपचारिकता निभाई गई। निर्माण के दौरान आसपास के रहवासियों को बिल्कुन ध्यान नहीं दिया जा रहा। समय-समय पर पानी छिडक़ाव न होने से प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है।
ओवरब्रिज भी अधूरा
जिले की महत्वाकांक्षी टू-लेन सडक़ में यातायात निर्बाध बना रहे इसके लिए प्रोजेक्ट में फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण भी होना है। अमहा, पठारी व नौरोजाबाद में बड़े शहरों की तर्ज पर ब्रिज का प्रावधान है। एमपीआरडीसी अधिकारियों के मुताबिक पुल की लागत राशि रेलवे के हैण्डओवर की जा चुकी है। बाजवूद इसके दो साल बाद भी निर्माण कार्य का कहीं अता पता नहीं। इससे लोगों को परेशानी हो रही है।
यहां सबसे ज्यादा दिक्कत
नागरिकों की मानें तो करकेली से नौरोजाबाद के बीच बेस लेबल का कार्य चल रहा है। मिट्टी खुदाई व पटरी में बेस के लिए मिट्टी हटाकर गिट्टी डाली जानी है। बताया जाता है खुदाई के बाद कई-कई दिन खुला छोड़ दिया जाता है। मिट्टी में नियमित रोलर व पानी न मिलने से वाहनों को आवाजाही में खासी मुसीबत उठानी पड़ रही है। दूसरी ओर ट्रक व अन्य वाहनों के गुजरने से धूल फसलों को भी नुकसान पहुंचा रही है। पाली, नौरोजाबाद व अन्य समीपस्थ छुटपुट व्यापार बंद होने की कगार पर हैं।
इनका कहना है
एनएच का कार्य देरी से शुरू हुआ है। बेस लेबल में एजेंसी को गुणवत्ता व पानी छिडक़ाव के लिए कहा गया था। यदि लापरवाही हो रही है तो मैं दिखवाता हूं।
अवधेश तिवारी, प्रोजेक्ट इंजीनियर एमपीआरडीसी।

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