दो साल में दरक गई 72 करोड़ की सडक़
उमरियाPublished: Nov 10, 2018 05:47:44 pm
अधिकारियों को नहीं है जानकारी
दो साल में दरक गई 72 करोड़ की सडक़
उमरिया. बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में बनी 72 करोड़ की सडक़ दो साल भी नहीं चल पाई। मार्ग में आधा दर्जन से ज्यादा जगह दरार उभर आई है। परासी मोड़ से ताला के बीच बनाये गये ब्रिज में दरार का गैप इतना था कि आवाजाही रोककर कंक्रीट से पाटना पड़ गया। वन्यप्राणी की सुरक्षा को देखते हुए यह क्षेत्र बेहद संवेदनशील माना गया है। ऐसे में निर्माण कार्य की घटिया क्वालिटी आने वाले समय में बांधवगढ़ का नाम विश्व पटल पर धूमिल कर सकता है। उल्लेखनीय है कि निर्माण की जिम्मेदारी सतना के किसी भाजपा नेता का रिश्तेदार बताया जाता है।
एमपीआरडीसी निर्माण एजेंसी द्वारा वर्ष 2015 में सडक़ निर्माण कार्य हुआ था। ठीक चुनाव के पहले मानपुर विधायक मीना सिंह ने कार्य का शिलान्यास किया था। दशकों बाद बन रही सडक़ को मानपुर, इंदवार क्षेत्र की जनता के लिए विकास के द्वार खोलने का मार्ग करार दिया था।
छह फीट चौड़ी व 32.4 किमी. लंबाई सडक़ को परासी से ताला बांधवगढ़ और फिर आगे इंदवार इलाके से जोड़ा गया था। पुल की दरारों में गैप, सडक़ में क्रेक – परासी मोड़ से बांधवगढ़ तक जंगल के चलते तकरीबन ३२ किमी. का मार्ग के निर्माण में बाधा उत्पन्न हुई। फिर सडक़ में पटरी भराव को लेकर घटिया मिट्टी का उपयोग हुआ।
इस दौरान कई बार पार्क प्रबंधन की ओर से भी आपत्ति की गई। गुणवत्ताहीन कार्य का नतीजा यह हुआ कि नवनिर्मित सडक़ के ब्रिज में लंबे क्रेक निकल आये हैं। महामन से ताला तक कई जगह बीच सडक़ में दरारें पड़ चुके हैं।
पटरी से उड़ रहीं गिट्टियां
सडक़ व पुल निर्माण के अलावा बांधवगढ़ के जंगली क्षेत्र में सडक़ के दोनो ओर पटरी भराव में भी तकनीकी खामियां हैं। सडक़ किनारे पथरीली मिट्टी व गिट्टी का उपयोग सोल्डर में हुआ था। चंद माह बाद से अब यहां धुर्रे उड़ रहे हैं। चार पहिया से लेकर अन्य बड़े वाहन गुजरने पर किनारे से गिट्टयां उचटती हैं। उड़ता धूल व डस्ट पर्यावरण के साथ ही वन्यप्राणियों के लिए घातक सिद्ध हो रहा है।
इनका कहना है
सडक़ की मेंटनेंस अवधि पूर्ण हो चुकी है। पुल व सडक़ में क्रेक की जानकारी हमे नहीं थी। मैं इसे दिखवाते हुए सुधार कार्य करवाता हूं।
एके बर्वे, एमडी एमपीआरडीसी।