script

बांधवगढ़ से गई आदमखोर सुंदरी की ओडिशा से हो सकती है विदाई, जल्द जाएगी बांधवगढ़ की टीम

locationउमरियाPublished: Sep 15, 2018 05:34:26 pm

Submitted by:

ayazuddin siddiqui

सतकोसिया वन क्षेत्र के दहशतजदा हैं 106 गांव

Bedouin from Bandhavgarh can be from Sundarishi's Odisha, farewell soo

बांधवगढ़ से गई आदमखोर सुंदरी की ओडिशा से हो सकती है विदाई, जल्द जाएगी बांधवगढ़ की टीम

उमरिया. सतकोसिया टाइगर रिजर्व क्षेत्र के 106 गांवों के सैकड़ों लोगों में आदमखोर शेरनी की दहशत है। पत्ते की खडख़ड़ाहट भर से उनकी रूह कांप जाती है। रात-रात भर जागकर पहरेदारी का सिलसिला जारी है। महिला का शिकार करने के बाद इस आदमखोर शेरनी सुंदरी की वापसी के आसार दिखने लगे हैं। अब बांधवगढ़ (मध्यप्रदेश) नेशनल पार्क से वन्य प्राणी विभाग का विशेषज्ञ दल 17 सितंबर को ओडिशा के सतकोसिया टाइगर रिजर्व आएगा। यह दल बांधवगढ़ से लायी गई शेरनी सुंदरी को ट्रैंकुलाइजर से बेहोश करके वापस मध्यप्रदेश ले जा सकता है। यह शेरनी सतकोसिया के वातावरण के मुताबिक खुद नहीं ढाल पा रही है। बताया जाता है कि समय से पहले ही इसे बाड़े से बाहर छोड़ दिया गया था। यह टाइगर रिजर्व क्षेत्र के गांवों के आसपास मंडराने लगी। हाथीबाड़ी गांव की महिला कैलासी गरनायक का शेरनी ने शिकार किया। गुस्साए गांव वालों ने वन विभाग के ठीकरापाड़ा वन क्षेत्र के पांपासार व पुरुनाकोटे दफ्तरों और चौकियों और नावों में आग लगा दी थी। चौतरफा नाकाबंदी करके आवाजाही रोक दी थी। उनका गुस्सा थामे नहीं थम रहा है। उनका कहना है कि क्या मानवजाति की कीमत पर आदमखोर पशुओं को बचाया जाएगा। शेरनी की वापसी की तैयारी की जा रही है। डिवीजनल फॉरेस्ट अफसर रहमान और पुलिस अधीक्षक मित्रभानु महापात्र ने बताया कि केंद्र और बांधवगढ़ नेशनल पार्क के अधिकारियों को लिखा जा चुका है। वो लोग टीम भेजकर शेरनी को ट्रैंकुलाइजर से बेहोश करके वापस ले जाएंगे। सुंदरी नामक बंगाल टाइग्रेस 28 जून को बांधवागढ़ से लायी गई थी। उसे 17 अगस्त को बाड़े से निकाल कर जंगल में छोड़ा गया था। इससे पहले शेर छोड़ा गया था। इनका दूसरे राज्यों के माहौल में छोडऩे की नीति और टाइगर की संख्या बढ़ाने के लिए सतकोसिया लाया गया था। इस तरह का यह पहला मामला बताया जाता है। ओडिशा और मध्यप्रदेश सरकारों के बीच आपसी अनुबंध के बाद यह निर्णय लिया गया था। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के प्रस्ताव पर महावीर नामक शेर और सुंदरी नामक शेरनी को सतकोसिया शिफ्ट किया गया था। शेर तो अटगढ़ के नरसिंहपुर वन क्षेत्र में पहुंच गया पर शेरनी इसी क्षेत्र में मंडराती रही। गांव वालों ने शेरों को देखते ही गोली मारने की धमकी भी दी थी। वाइल्ट लाइफर अजय दुबे ने अधिकारियों को ईमेल भेजकर सतकोसिया में वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन की शिकायत करते हुए शेर और शेरनी को वापस बांधवगढ़ भेजने की मांग की है।

ट्रेंडिंग वीडियो