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कांग्रेसियों ने किया संभागायुक्त का घेराव, तो जिपं अध्यक्ष ने लगाए ये गंभीर आरोप

locationउज्जैनPublished: Jun 14, 2018 02:24:22 pm

Submitted by:

Gopal Bajpai

कांग्रेसियों के साथ घेरा संभागायुक्त कार्यालय, बोले-अफसर बन गए भाजपा के एजेंट, हितग्राही सम्मेलन में प्रोटोकाल पालन नहीं होने व आमंत्रण कार्ड में नाम नहीं देने पर थे नाराज

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उज्जैन. मुख्यमंत्री संबल योजना को लेकर पूरे प्रदेश में बुधवार को हितग्राही सम्मेलन हुए, वहीं उज्जैन जिले में इस सरकारी कार्यक्रम पर दलगत राजनीति के आरोपों के छीटें पड़े। तराना में जिला पंचायत अध्यक्ष महेश परमार को कार्यक्रम में प्रोटोकाल का पालन नहीं करने और आमंत्रण पत्र में नाम नहीं छापने पर कांग्रेसियों ने संभागायुक्त कार्यालय का घेराव कर दिया। जिपं अध्यक्ष ने आरोप लगाए कि आपके अधिकारी भाजपा के एजेंट बन गए हंै। करीब ४५ मिनट तक जमीन पर बैठ जिपं अध्यक्ष ने धरना दिया। बाद में संभागायुक्त एमबी ओझा ने अफसरों की जांच का आश्वासन दिया।

संभागायुक्त कार्यालय में दोपहर करीब १२ बजे जिला पंचायत अध्यक्ष महेश परमार के साथ बड़ी संख्या में कांग्रेसी संभागायुक्त कार्यालय पहुंचे। जिपं अध्यक्ष व जनपद पंचायत तराना वार्ड ६ से निर्वाचित सदस्य परमार के अनुसार अध्यक्ष और राज्यमंत्री का दर्जा होने के नाते सम्मेलन में उन्हें अतिथि बनाने सहित आमंत्रण कार्ड में नाम प्रकाशित होना था। उन्होंने संभागायुक्त से कहा कि तराना एसडीओ, जनपद सीइओ व नगर पालिका अधिकारी ने कार्यक्रम में उन्हें व जिला पंचायत सदस्यों को आमंत्रित नहीं किया है। अधिकारियों ने त्रिस्तरीय पंयाचयतराज व ग्राम स्वराज अधिनियम के प्रावधानों को दरकिनार कर संवैधानिक पद को भी आमंत्रण योग्य नहीं माना। परमार ने राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप कार्रवाई की मांग की है। संभागायुक्त ने भी इसे अनुचित मानते हुए जांच व कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य करण कुमारिया, गीताबाई पाटीदार, हेमंतसिंह चौहान, नूरीखान, शिव लश्करी, रवि राय, नाना तिलकर, सुरेंद्र मरमट आदि मौजूद थे।

जमीन पर बैठे, डिप्टी कमिश्नर को लौटाया

प्रोटोकॉल का पालन नहीं होने और कार्यक्रम को लेकर मनमानी से कांगे्रसी खासे नाराज थे। यही कारण रहा कि अपनी आपत्ति दर्ज कराने वह बड़ी संख्या में संभागायुक्त से मिलने पहुंचे थे। जब वह संभागायुक्त कार्यालय पहुंचे तो कर्मचारी ने ज्ञापन लेने के लिए अन्य अधिकारी के आने का कहा। इस पर कांग्रेसी और उखड़ गए व कार्यालय के बाहर ही फर्श पर बैठ धरना शुरू कर दिया। कांग्रेसी संभागायुक्त से ही मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराना चाहते थे। थोड़ी देर बाद डिप्टी कमिश्नर पवन जैन ज्ञापन लेने पहुंचे तो कांग्रेसियों ने उनसे इस सबंध में चर्चा करने से इंकार कर लौटा दिया। करीब ४५ मिनट तक धरना चलने के बाद संभागायुक्त ओझा अपने कक्ष से बाहर आए। उनके आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ।

मंच पर भाजपा नेताओं की भीड़

तराना में हुए सम्मेलन में विधायक अनिल फिरोजिया व इक्का-दुक्का को छोड़ निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की जगह भाजपा नेता-पदाधिकारियों की भीड़ अधिक थी। कांग्रेसियों ने इस पर भी कड़ी आपत्ति ली है। उन्होंने आरोप लगाया है कि शासकीय कार्यक्रम का पूरी तरह भाजपाईकरण कर दिया गया है। मंच पर भाजपा के राजेश पलोड़, प्रेमनारायण शर्मा, रामसिंह बराल, नाहरसिंह आदि मौजूद थे जो निर्वाचित जनप्रतिनिधि नहीं है।

जो पार्षद का चुनाव नहीं जीते वह मुख्य अतिथि

मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा अध्यक्ष श्याम बंसल को आमंत्रित किया गया जबकि वह कभी पार्षद का चुनाव तक नहीं जीते। जिसे राज्यमंत्री का दर्जा है, उसका नाम कार्ड से गायब है। भाजपा आेछी राजनीति कर रही है। भाजपाई एेसी ओछी राजनीति छोड़ जनता के बीच आकर मुकाबला करें।

महेश परमार, अध्यक्ष जिला पंचायत

 

जांच करवाएंगे

जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र पर उनका नाम नहीं होने संबंधित शिकायत की गई है। यह सही है कि जो भी जनप्रतिधि हैं उनके सम्मान का ध्यान रखना चाहिए। मामले को दिखवाएंगे।

एमबी ओझा, संभागायुक्त

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