scriptऐसा क्या हुआ कि दुकानों की नीलामी रोकनी पड़ी | What happened that the shops had to stop the auction | Patrika News

ऐसा क्या हुआ कि दुकानों की नीलामी रोकनी पड़ी

locationउज्जैनPublished: Apr 19, 2019 01:01:48 am

Submitted by:

Mukesh Malavat

25 अप्रैल को ट्रस्ट की 9 दुकानों की होना थी नीलामी

patrika

notice,railway,Ujjain,nagda,Agarwal society,

नागदा. मंडी और बिरलाग्राम को जोडऩे वाले एप्रोच रोड पर बनी अग्रवाल समाज की दुकानों पर रेलवे ने रोक लगा दी है। रेलवे ने इस सबंध में गुरुवार को मौके पर पहुंच कर दुकानों की बंद शटर पर नोटिस चस्पा कर समाज के अध्यक्ष दिनेश अग्रवाल को इस सबंध में सूचना भी दे दी गई है। नोटिस में रेलवे ने दुकानों के निर्माण को अपनी भूमी पर अतिक्रमण बताया है साथ ही कहा है कि पिछले कई सालों से यह मामला पीपी एक्ट के तहत रेलवे न्यायालय में विचाराधीन है और बिना कोर्ट के आदेश से दुकानों की नीलामी कर उससे किसी भी प्रकार की आय अर्जित करना अवैध है। नोटिस के बाद दुकानों की नीलामी फिलहाल विवाद के पटाक्षेप तक निरस्त कर दी गई है।
दरअसल पिछले दिनों समाज के अध्यक्ष दिनेश अग्रवाल ने दुकानों की मरम्मत करवाकर इनको किराए से देने के लिए जाहिर सूचना वो भी अखबारों में पैम्प्लेट के माध्यम से प्रकाशित करवाकर 25 अप्रैल की तारीख तक निविदाएं खोलने की तिथि नीयत की गई थी, जिसकी शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश दुबे ने रेलवे के सबंधित विभाग से की थी। जिसको लेकर रेलवे के अधिकारियों ने गुरुवार को एप्रोच रोड स्थित दुकानों पर नोटिस चस्पा कर नीलामी रोकने को कहा गया है।
20 वर्षों से ज्यादा समय की हैं दुकानें
दरअसल जिन 9 दुकानों को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हो गई है उनका निर्माण अग्रवाल समाज ट्रस्ट के द्वारा करीब 20 वर्षों पूर्व किया गया था। उस समय भी रेलवे ने दुकानों का निर्माण अपनी भूमि पर होने की बात कह कर नोटिस जारी किए थे, लेकिन बाद में यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। लेकिन वर्ष 2011-12 में एप्रोच रोड के निर्माण के समय अतिक्रमण का मामला एक बार फिर उठा और रेलवे ने अग्रवाल समाज की दुकानों सहित करीब एप्रोच रोड पर निवास करने वाले 55 लोगों को नोटिस देकर उनके घर और दुकानों को अतिक्रमण में होना बताया था। हालांकि बाद में समय बीतने के साथ फिर यह मामला ठंडा पड़ गया और रेलवे की ओर से अतिक्रमण हटाने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई। लेकिन अग्रवाल समाज की दुकानों के बहाने एप्रोच रोड़ पर अतिक्रमण का मामला एक फिर लाल फिताशाही से बहार आ गया है। हालांकि अभी भी रेलवे ने शिकायत को आधार बनाकर सिर्फ दुकानों की नीलामी रोकने के ही नोटिस चस्पा किए गए है और मामले को रेलवे कोर्ट में होने की बात कही गई है, लेकिन इस कार्रवाई से एप्रोच रोड पर रहने वाले परिवारों में हडक़ंप की स्थिति निर्मित कर दी है।
इनका कहना
रेलवे के नोटिस चस्पा करने की जानकारी मिली है। नोटिस में दुकानों की नीलामी रोकने को कहा गया है, लेकिन यह नहीं बताया गया है कि कितनी जमीन अतिक्रमण है। अगर दुकान का कोई भी हिस्सा अतिक्रमण में आता है तो समाज उस जमीन को छोडऩे के लिए तैयार है। फिलहाल विवाद खत्म होने तक दुकानों की नीलामी को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है।
दिनेश अग्रवाल, अध्यक्ष अग्रवाल समाज नागदा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो