उज्जैन. सिविल सर्जन की चरक अस्पताल में कार्यरत महिला चिकित्सकों के प्रति नाराजगी जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में खुलकर सामने आई। बैठक में सिविल सर्जन ने महिला चिकित्सकों द्वारा डिलिवरी केसेस को टिपिकल बताकर रेफर किए जाने पर सवाल उठाए साथ ही दो महिला चिकित्सकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। चरक अस्पताल में महिला चिकित्सकों की निजी अस्पतालों से मिलीभगत खुलकर सामने आने लगी है।
जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक
शनिवार को
सिंहस्थ मेला कार्यालय में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में यह साबित हुई। सिविल सर्जन डॉ.राजू निदारिया ने हाल ही में चरक अस्पताल में डिलिवरी के लिए भर्ती हुई महिला को तीन दिन भर्ती रखने के बाद रेफर किए जाने का हवाला देकर आरएमओ डॉ.अचला महाराजा पर नाराजगी जताई। सिविल सर्जन ने मौजूद चिकित्सकों से ईमानदारी से काम करने अन्यथा इस्तीफा देने के लिए कहा। सिविल सर्जन ने कहा कि तीन दिन भर्ती रखने के बाद महिला चिकित्सक डॉ. अनीता जोशी और डॉ.सुनीता शर्मा ने महिला को रेफर कर दिया, जबकि उसी महिला की निजी नर्सिंग होम में नार्मल डिलिवरी हुई। ये बात महिला चिकित्सकों की मिलीभगत साबित करती है, जिसके चलते उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा।
एक से अधिक बार एंट्री पर नाराजगी
बैठक के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए जिलेभर में संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं में एक से अधिक एंट्री किए जाने पर आंकड़े गड़बड़ाने को लेकर सीएमएचओ डॉ. वीके गुप्ता ने नाराजगी जताई। इसके अलावा दस्तक अभियान में चयनित बच्चो के विरुद्ध दो तिहाई ही ओआरएस घोल के वितरण को लेकर वेतन वृद्धि रोके जाने की हिदायत दी।
डॉक्टर पर होगी कार्रवाई
चरक अस्पताल में बीते एक वर्ष के भीतर रेफर केसेस की जांच की जाएगी। इसके निर्देश सिविल सर्जन ने दिए हैं। गैरजरूरी रेफर केसेस पर संबंधित डॉक्टर पर कार्रवाई की जाएगी। सिविल सर्जन ने बताया कि अगर चरक अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक ईमानदारी से काम करें तो यह प्रदेश का सर्वाेत्तम अस्पताल बन सकता है, लेकिन यहां चिकित्सक नहीं चाहते कि यहां बेहतर काम हो।
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