अनोखा मामला: नौकरी मांगने गए दिव्यांग युवक की करवा दी शादी, अब पड़ गए लाले
उज्जैनPublished: Jul 17, 2019 01:50:35 am
बूढ़ी मां, पत्नी और आठ माह के बच्चे के लालन-पालन के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है पीडि़त, जनसुनवाई में शिकायत
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ऋषिकुमार जायसवाल उज्जैन. बचपन से ही दोनों पैरों से दिव्यांग महिदपुर निवासी युवक परिवार के लालन-पालन के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। उसने जनसुनवाई के दौरान नौकरी दिए जाने का आवेदन प्रशासन को दिया था। लेकिन प्रशासन ने नौकरी तो नहीं दी बल्कि ७ मार्च २०१७ को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आयोजित दिव्यांग सामूहिक विवाह सम्मेलन में दिव्यांग महिला से उसकी शादी करवा दी। पीडि़त के सामने बूढ़ी मां और पत्नी समेत ८ माह के बच्चे की जिम्मेदारी का भार आ गया है। पीडि़त ने मंगलवार को अपर कलेक्टर ऋषव गुप्ता से बैटरी संचालित ट्राइसिकल की मांग की है ताकि वह खिलौने बेचकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन कर सके।
कोठी परिसर स्थित बृहस्पति भवन में मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई के दौरान महिदपुर सिटी निवासी जगदीश माली ने अपनी पीड़ा अपर कलेक्टर ऋषव गुप्ता को बताई। जगदीश ने बताया कि २०१७ में उसने जनसुनवाई के दौरान नौकरी के लिए आवेदन दिया था। तत्कालीन कलेक्टर संकेत भोंडवे ने नौकरी का आश्वासन देकर उसकी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत दिव्यांग महिला से शादी करवा दी। उसके बादकलेक्टर का तबादला हो गया। तब से वह नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। मां पहले चौका-चूल्हा कर परिवार का भरण-पोषण करती थीं, लेकिन स्वास्थ्य खराब होने के कारण अब घर पर ही रहने लगी। लिहाजा अब जगदीश के सामने पूरे परिवार के पालन-पोषण करने की जिम्मेदारी आ गई। पीडि़त का कहना है कि यदि प्रशासन से उसे बैटरी संचालित ट्राइसिकल मिल जाए तो वह खिलौने बेचकर रोजी-रोटी कमा सकता है। जनसुनवाई के दौरान अपर कलेक्टर ने उसके आवेदन को स्वीकृत कर विकलांग पुनर्वास केन्द्र के लिए भेज दिया। जनसुनवाई में अपर कलेक्टर जीएस डाबर, डिप्टी कलेक्टर संजीव साहू और तहसीलदार श्रीकांत शर्मा समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
इन्फो- दिव्यांग विवाह
– मप्र सहित गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान व महाराष्ट्र के युवक युवतियों का भी विवाह हुआ था।
– कुल १०१ जोड़ों का विवाह व निकाह हुआ
– ७४ हिंदु जोड़ों का विवाह
– २६ मुस्लिम जोड़ो का निगाह
– १ सिख जोड़े की शादी