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PHOTO : देवी आराधना का महापर्व गुप्त नवरात्रि, नौ दिनों में पांच बार आ रहे विशेष योग

locationउज्जैनPublished: Feb 05, 2019 11:54:23 am

Submitted by:

Lalit Saxena

माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा पर मंगलवार से गुप्त नवरात्र की शुरुआत हो रही है। नवरात्र के नौ दिनों में पांच बार रवि तथा दो बार सर्वार्थ सिद्घि योग का विशिष्ट संयोग बन रहा है।

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उज्जैन. माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा पर मंगलवार से गुप्त नवरात्र की शुरुआत हो रही है। नवरात्र के नौ दिनों में पांच बार रवि तथा दो बार सर्वार्थ सिद्घि योग का विशिष्ट संयोग बन रहा है। देवी आराधना के महापर्व की शुरुआत पंचक के नक्षत्र से हो रही है। साधना और आराधना में यह पांच गुना शुभफल प्रदान करेगा।

 

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क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा पर मंगलवार के दिन धनिष्ठा नक्षत्र के संयोग में गुप्त नवरात्र का आरंभ होगा। इस दिन सायंकाल में पंचक की शुरुआत होगी। देवी साधना में रात्रि विशेष मानी गई है। वैदिक तंत्र, मंत्र व यंत्र की साधना पंचक में पांच गुना अधिक शुभफल प्रदान करेगी। प्रतिपदा पर रात 11.30 बजे मंगल ग्रह का अश्विन नक्षत्र तथा मेष राशि में प्रवेश होगा। विभिन्न राशि के जातकों के लिए आने वाला समय उन्नति व प्रगति कारक रहेगा।

 

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शक्तिपीठ में विशेष पूजा
देश के 52 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ हरसिद्धि में माघ मास की गुप्त नवरात्र में माता हरसिद्घि की विशेष पूजा होगी। देवी का नित नया शृंगार किया जाएगा। साधक गुप्त साधना करेंगे। अन्य देवी मंदिरों में भी दर्शनार्थियों का तांता लगेगा।

एक वर्ष में चार नवरात्र
हिंदू धर्म के अनुसार एक वर्ष में चार नवरात्र होती है, लेकिन आमजन केवल दो नवरात्र (चैत्र व शारदीय नवरात्रि) के बारे में ही जानते हैं। इनके अलावा माघ व आषाढ़ मास में भी नवरात्र का पर्व गुप्त रूप से मनाया जाता है। इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्र का प्रारंभ माघ शुक्ल प्रतिपदा (5 फरवरी) मंगलवार से हो रहा है, जो 14 फरवरी गुरुवार को समाप्त होगी।

 

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क्यों कहते हैं इसे गुप्त नवरात्रि
माघ मास की नवरात्र को गुप्त नवरात्र इसलिए कहते हैं, क्योंकि इसमें गुप्त रूप से शिव व शक्ति की उपासना की जाती है। चैत्र व शारदीय नवरात्र में सार्वजनिक रूप में माता की भक्ति करने का विधान है। माघ शुक्ल पंचमी को ही देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं। इन्हीं कारणों से माघ मास की नवरात्र में सनातन, वैदिक रीति के अनुसार देवी साधना करने का विधान निश्चित किया गया है। गुप्त नवरात्र विशेष तौर पर गुप्त सिद्धियां पाने का समय है। साधक इन दोनों गुप्त नवरात्र (माघ तथा आषाढ़) में विशेष साधनाएं करते हैं तथा चमत्कारिक शक्तियां प्राप्त करते हैं।

साल में कब-कब आती है नवरात्र
चैत्र में प्रथम नवरात्र होती है। आषाढ़ में दूसरी नवरात्र होती है। इसके बाद अश्विन मास में प्रमुख नवरात्र होती है। इसी प्रकार माघ में भी गुप्त नवरात्र मनाने का उल्लेख एवं विधान देवी भागवत तथा अन्य धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। अश्विन मास की नवरात्र सबसे प्रमुख मानी जाती है। दूसरी प्रमुख नवरात्र चैत्र मास की होती है। इन दोनों नवरात्रियों को शारदीय व वासंती नवरात्र के नाम से भी जाना जाता है।

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