पुजारी-पुरोहित भी चाहते हैं मंदिर वहीं बने
इस संकल्प को लेने वाले मंदिर से जुड़े पुजारी-पुरोहित भी चाहते हैं कि भगवान श्रीराम का मंदिर वहीं बने। उनका कहना है कि जब भी फैसला आए, वह भगवान श्रीराम के पक्ष में रहे। इस मौके पर महेश पुजारी, राधेश्याम शास्त्री, रामानंदी महाराज उजरखेड़ा, विनोद गुरु, चंद्रमोहन पुजारी और नन्नू गुरु मौजूद थे।
क्या है मामला
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में 40 दिन चली सुनवाई 16 अक्टूबर को खत्म हुई। वकीलों की गर्मागर्मी के बीच पांच जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सूत्रों के अनुसार सुन्नी वक्फ बोर्ड ने शर्तों के साथ कहा है कि विवादित जमीन सरकार को देने पर उसे ऐतराज नहीं है। बोर्ड ने मस्जिद के लिए दूसरी जगह जमीन की मांग की है। फैसला सुरक्षित होने के चलते महाकाल मंदिर में प्रतिदिन अभिषेक पूजन करने का संकल्प लिया गया है।
करोड़ों लोगों की आस्था की बात
महाकाल मंदिर के पुजारी महेश गुरु ने बताया कि भगवान श्रीराम में करोड़ों लोगों की आस्था निहित है। वर्षों से प्रतीक्षारत हैं कि जन्मभूमि पर ही रामलला का मंदिर बने। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल फैसला सुरक्षित रखा है, लेकिन हम चाहते हैं कि जब भी फैसला आए, वह भगवान श्रीराम के पक्ष में आए। इसी मंशा के साथ हम लोग फैसला आने तक प्रतिदिन भगवान महाकालेश्वर पर एक लोटा जल अर्पण और महामृत्युंजय का जाप करेंगे। पुजारियों ने संकल्प लिया है कि जब तक भगवान श्रीराम मंदिर का फैसला नहीं आता, तब तक महाकाल में होगा रोज अनुष्ठान। हम एक लौटा जल और दूध अर्पण करेंगे।