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मंदिर की भव्यता व कुंड की सुंदरता पर संकट

locationउज्जैनPublished: Jan 18, 2018 12:50:49 am

Submitted by:

Gopal Bajpai

मंदिर की यह भव्यता प्रभावित होगी-१८ सभामंडप के विस्तार में इन चढ़ाव को तोड़ा जाएगा१९ स्लैब और पिल्लर के लिए खुदाई…

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उज्जैन. महाकाल मंदिर स्थित सभामंडप के पुर्ननिर्माण से पाश्र्व से मंदिर की भव्यता व प्राचीन कोटितीर्थ की सुंदरता और आकार पर संकट बन गया है। सभामंडप को बड़ा और दो मंजिला बनाने की योजना है और इसका प्रभाव मंदिर और कोटितीर्थ कुंड पर होगा।
महाकाल परिसर में सभामंडप पुनर्निर्माण के नाम पर इसका विस्तार किया जा रहा है। इसमें कोटितीर्थ कुंड को छोटा कर सभामंडप को बड़ा और दो मंजिला बनाना प्रस्तावित है। सभामंडप के पुर्ननिर्माण की जद में आने वाले मंदिरों को शिफ्ट करने की कवायद के बीच इसके निर्माण की योजना भी सामने आ गई है। इसमें सभामंडप को दो मंजिला बनाया जा रहा है। वहीं सभामंडप को बड़ा करने के लिए कोटितीर्थ कुंड को छोटा करने की तैयारी चल रही है।
शिखर का बड़ा हिस्सा नजर आता है
पुनर्निर्माण के लिए तोड़े गए सभामंडप की ऊंचाई तकरीबन १४ फीट थी। इसके बाद भी महाकाल प्रवचन हॉल की साइड से महाकाल के शिखर का बड़ा हिस्सा नजर आता है। सभामंडप को दो मंजिला बनाकर इसे एक तरफ से विश्रामधाम व दूसरी तरफ कार्तिक मंडपम के सामने वाले चौके से जोडऩे की योजना है, ताकि निर्माण के बाद रैंप से नागचंद्रेश्वर के मार्ग तक पहुंचा जा सके। हालांकि कहा जा रहा कि सभामंडप को नागचंद्रेश्वर मंदिर से नहीं जोड़ा जाएगा, लेकिन ऐसी व्यवस्था रहे कि नागपंचमी पर रैंप के जरिए वहां तक आ-जा सकें। योजना के अनुसार पुनर्निर्माण में पहली मंजिल की ऊंचाई १३ फीट और दूसरी मंजिल की ऊंचाई १० फीट रखी जा रही है। इस प्रकार सभामंडप में एक ओर मंजिल के निर्माण से करीब २३ फीट ऊंचाई बढ़ सकती है। दो मंजिला निर्माण से मंदिर की भव्यता प्रभावित होगी।
कोटितीर्थ कुंड छोटा करने की तैयारी
सभामंडप पुनर्निर्माण प्रारंभ करते वक्त कहा गया था कि वर्तमान सभामंडप को हटाकर पुनर्निर्माण में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। सभामंडप वैसा ही रहेगा, लेकिन एक फ्लोर बढ़ाया जा रहा है। सभामंडप की लंबाई-चौड़ाई यथावत रहेंगी। इसके बावजूद इसमें बदलाव किया जा रहा है। पहले के सभामंडप की चौड़ाई करीब २२ फीट थी। इसे अब करीब ३२ फीट किया जा रहा है, यानि १० फीट का विस्तार करने की योजना है। इसके स्लैब और पिलर्स के लिए खुदाई हो चुकी है। इससे लग रहा है कि सभामंडप के आगे बना कोटितीर्थ कुंड छोटा होगा। निर्माण में कुंड के करीब ८ चढ़ाव कम होंगे। इनको समान कर प्लेटफार्म बनाया जाएगा। इससे कुंड की सुंदरता प्रभावित होगी। अधिकारी कह रहें है कि कुंड छोटा नहीं होगा केवल चढ़ाव कम होंगे।
अन्य मंदिर को हटाने की तैयारी
सभामंडप निर्माण के लिए मंगलनाथ का शिवलिंग हटाने के बाद ठेकेदार ने अधिकारियों के निर्देश पर प्राचीन श्रीराम मंदिर की दीवार व छत को भी तोड़ दिया गया। मौके पर काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि अब अगले चरण में सामने की ओर कुंड के किनारे बना हनुमान मंदिर भी तोडऩे की तैयारी है। इधर मंदिर प्रबंध समिति ने कहा है कि मंदिरों को हटाने के लिए संबंधित पुजारियों से सहमति प्राप्त कर ली गई है।
पुरातन स्वरूप का ध्यान रखना जरूरी
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने बुधवार को महाकाल मंदिर समिति सदस्यों और पुजारी-पुरोहितों के साथ बैठकर निर्माण स्थित की समीक्षा की। इसमें पं.राजेश गुरु ने मंदिर के भीतर भीड़ को बढ़ाने के लिए निर्माण कार्य का विस्तार देना ठीक नहीं है। सभामंडप को दो मंजिला निर्माण मंदिर के स्वरूप के हित में नहीं है। सभामंडप दो मंजिला होने से मंदिर की विशालता प्रभावित होगी। राजेश पुजारी ने पूछा कि सभामंडप दो मंजिला क्यों बनाया जा रहा है? इसका जवाब किसी के पास नहीं था। प्रशासक अवधेश शर्मा का कहना है कि उनके मंदिर में आने से पहले का प्लान है। इसलिए उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है। प्रशासक शर्मा ने निर्माण एजेंसी यूडीए ईई केसी पाटीदार से इस संबंध पूछा तो पाटीदार का कहना था कि जी प्लस वन का निर्माण हो रहा है। इसमें बदलाव तो वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर हो सकता है। मंदिर समिति के एक सदस्य के अलावा पुरोहित समिति के अध्यक्ष ने कहा निर्माण से आपत्ति नहीं है, लेकिन पुरातन स्वरूप का ध्यान रखें।
शिवलिंग और हनुमान की पुन: प्रतिष्ठा होगी
सभामंडप पुर्ननिर्माण के लिए हटाए गए मंगलनाथ शिवङ्क्षलग और विधि विधान से हटाएं जाने वाले हनुमान और राम मंदिर की दीवार को निर्माण के बाद पुन: प्रतिष्ठित किया जाएगा। महाकाल मंदिर कार्यालय के प्रशासनिक सभाकक्ष में आयोजित बैठक ईई पाटीदार ने बताया राम मंदिर की दीवार का पुन: उसी आकृति में निर्माण होगा। पुरोहित लोकेन्द्र व्यास की सहमति से हनुमान मंदिर उनके द्वारा विधिविधान से हटाकर निर्माण पश्चात पुन: वापस स्थापित करेंगे। समिति सदस्य जगदीश शुक्ला ने कहा कि सभी विग्रहों की स्थापना निर्माण पश्चात पुन: विधिविधान से की जाएगी। पं. सचिन शर्मा ने बताया मंगलनाथ मंदिर को उनकी सहमति से हटाया था। इसमें भ्रम की स्थिति नहीं है।
कांग्रेस का विरोध, मंदिर में पौराणिकता से छेड़छाड़ कांग्रेस का विरोध, मंदिर में पौराणिकता से छेड़छाड़
महाकाल मंदिर में सभा मंडप के पुनर्निमाण को कांग्रेस ने पौराणिकता से छेड़छाड़ मानते हुए विरोध जताया है। कांग्रेस ने मंदिर में अनियमितता और मनमानी का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। पौराणिकता से छेड़छाड़ नहीं करने की मांग का ज्ञापन विक्रमादित्य की प्रतिमा को सौंपा।
कांग्रेस नेता विवेक यादव के साथ बुधवार को कांग्रेसी नारेबाजी करते हुए महाकाल मंदिर के पीछे स्थित विक्रम टीले पर पहुंचे। यहां उन्होंने राजा विक्रमादित्य की प्रतिमा को ज्ञापन सौंपा। यादव के अनुसार प्रशासन सुनवाई नहीं करता है इसलिए राजा विक्रमादित्य की प्रतिमा को ज्ञापन सौंपा गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि महाकाल मंदिर को भाजपा और आरएसएस हाइजेक कर रहे हैं। सबसे पहले कागजात में हेरा फेरी कर महाकाल की जमीन को हथियाया और विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर के पास भारत माता मन्दिर का निर्माण कर उसकी आढ़ में संघ का ठिकाना बना लिया। कांग्रेस प्रवक्ता राजेश तिवारी ने आरोप लगाया कि विद्वत परिषद से विद्वतजन हटा दिए गए और बिना उज्जैन की धर्म परम्परा जानने वाले लोग निर्णय ले रहे है। ज्ञापन देने वालों में कांग्रेस नेता अरूण वर्मा, सीता सोनी, दर्शन ठाकुर, जितेन्द्र गोयल, धर्मेन्द्र खूबचंदानी, राजेश बाथली, कमल कौशल, प्रीतेश शर्मा, लालसिंह बड़ा,ए अंबर माथुर मौजूद थे।

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