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पत्रिका अलर्ट : इंदौर जाएं तो इनसे जरूर बचना

locationउज्जैनPublished: Jul 21, 2019 10:24:36 pm

Submitted by:

aashish saxena

अनदेखी के कारण शहर के कई स्थानों पर हादसों का खतरा, कहीं नाले खुले तो कही झाडि़यां बिगाड़ रही वाहन चालकों का संतुलन

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उज्जैन. दुर्घटनाओं के लिए एक छोटी-सी लापरवाही ही काफी है। शहर में एेसे कई स्थान हैं, जहां छोटी-छोटी लापरवाही या नजरअंदाजी के कारण कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। यह एसे स्थान हैं, जहां बमुश्किल कुछ घंटों का श्रम या चंद रुपए खर्च कर दुर्घटना के भय को कम किया जा सकता है। इनमें इंदौर रोड फोरलेन भी शामिल है, जहां सड़कों पर झाडि़यों के फैलने से दुर्घटना का भय बढ़ गया है।

सड़क हादसों के बाद कभी खराब सड़क, कभी संतुलन बिगडऩे, तेज गति या चालक की लापरवाही जैसे कारणों को जिम्मेदार ठहराया जाता है लेकिन कई बार इनमें उन छोटी-छोटी कमियों को नजर अंदाज कर दिया जाता जो दुर्घटना होने का मुख्य कारण बने थे। खास बात यह है सामान्यतौर पर इन खामी या लापरवाहियों को हर कोई नजरअंदाज कर देता है, लेकिन जब वाहन चालक इनकी चपेट में आते हैं तो यही छोटी कमी बड़ा हादसे का रूप ले लेती है। शहर में भी सड़कों पर गड्ढे के साथ ही कहीं खुले नाले, कहीं मुंडेर की कमी तो कहीं आवाजाही बाधित करती झाडि़यों के कारण कभी भी बड़े हादसे होने की आशंका बनी हुई है। यदि समय रहते इन छोटी कमियों को दूर किया जाए तो आशंकित बड़े हादसे को टाला जा सकता है।

पाल नही बनाई, स्टॉपर लगा दिया

देवासरोड से विक्रम वाटिका की ओर जाने वाले मार्ग के तिराहे पर बड़ा नाला है। इस तिराहे के नाले में वाहन न गिरे इसके लए एक ओर मुंडेर बनी, वहीं दूसरी ओर की मुंडेर लंबे समय से गायब है। सुरक्षा के लिए यहां मुंडेर की जगह स्टॉपर रख दिया गया है, लेकिन सुरक्षा का यह विकल्प नाकाफी है। स्टॉपर रखे होने से वाहन चालकों को दूर से निकलने का संकेत तो मिलता है लेकिन यदि तिराहे पर संतुलन बिगडऩे से वाहन गिरता है तो यह स्टॉपर उसे संभाल नहीं पाएगा। एेसी स्थिति में वाहन चालक नाले में गिर कर गंभीर घायल हो सकता है।

जरूरत- नाले के दूसरी ओर पक्की पाल का निर्माण किया जाए। यह कार्य कुछ हजार रुपए में ही हो सकता है।

सड़क तक फैली कटीली झाडि़यां

इंदौर रोड फोरलन से प्रतिदिन हजारों दो व चार पहिया वाहन गुजरते हैं। इंदौर की ओर जाने के दौरान त्रिवेणी पुल पर बायीं ओर की कटिली झाडि़यां तीन-चार फीट आगे तक बढ़ सड़क पर फैल रही हैं। जब वाहन चालक सामान्य स्थिति में रोड किनारे से जाते हैं तो अचानक उनके सामने इन झांडि़यों का झुंड आ जाता है। यदि ध्यान चूका तो चालक झाडि़यों में फंस सकता है और यदि झाडि़यां देखकर अचानक वाहन सड़क के बीच लाता है तो पीछे से आ रहे अन्य वाहन से दुर्घटना होने की आशंका रहती है। झाडि़यां कटीली होने के साथ ही पुल के मोढ़ पर फैली होने के कारण दुर्घटना की आशंका और बढ़ गई हैं। संधारण की कमी से एेसी स्थिति फोरलेन के दर्जनों भाग में बनी हुई है।

जरूरत- पूरे मार्ग पर झाडि़यों की कटाई-छंटाई की जाए। यह कार्य संबंधित निर्माण एजेंसी या ठेकेदार कंपनी से कराया जा सकता है।

सड़क किनारे खुला नाला

देवासरोड से इंदौर रोड को लिंक करने वाले एमआर-टू रोड (आरटीओ तिराहे से नानाखेड़ा चौराहा) पर यातायात थाने के नजदीक ही दाहिनी ओर बड़ा नाला है। बड़ी दुर्घटना की आशंका से बचने इस नाले की पुलिया पर बड़ी जाली तो लगा दी गई है, लेकिन सड़क किनारे सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। सड़क के किनारे ही ढलान में कच्ची जमीन और फिर नाला है। सुबह के साथ ही रात में भी बड़ी संख्या में इस मार्ग से वाहन गुजरते हैं। एेसे में संतुलन बिगडऩे की स्थिति में वाहन चालक बड़े नाले में गिर सकता है। एेसी स्थिति इसी रोड पर एक अन्य पुलिया के नजदीक भी है। यहां नाला निर्माण हो रहा है और नाले के ऊपर पाल की छोटी होने से सड़क किनारे का भाग खुला पड़ा है।

जरूरत- नाले को जाली से कवर किया जाए या सड़क किनारे जाली लगाई जाए। रिक्त जमीन पर पौधरोपण किया जा सकता है। इससे दुर्घटना की आशंका कम होने के साथ क्षेत्र का सौंदर्यीकरण बढ़ेगा।

यह खामियां भी खतरनाक

– महामृत्युंजय द्वार के नजदीक प्लास्टिक के स्पीडब्रेकर निकाले गए लेकिन इसकी बड़ी कीलें सड़क पर ही लगी हैं। कीलें सड़क से दो-तीन इंच बाहर निकली हुई हैं, जिससे पैदल चलने वालों को चोट लगने के साथ वाहन पंक्चर होने और दुर्घटना का खतरा है।

– फ्रीगंज शहीद पार्क के नजदीक ढक्कन वाले कुएं की मुुंडेर टूट गई है। सुरक्षा के लिए इसके आसपास बैरिकेडिंग की गई है। कई दिनों से यह चौराहा इसी हालत में हैं और अभी तक यहां निर्माण कर बैरिकेड्स नहीं हटाए गए हैं। लोहे के बैरिकेड्स बीच सड़क पर खड़े होने के कारण कभी भी कोई वाहन चालक इनसे घायल हो सकता है।

– इंदौर रोड फोरलेन और सर्विस रोड के बीच लोहे की रैलिंग लगाई गई थी। कई जगह रैलिंग क्षतिग्रस्त हो गई है और इनके एंगल बेतरतीब बाहर निकले हुए हैं। तेज गति से आते वाहन चालक इनके कारण दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं।

– नानाखेड़ा चौराहे से स्टेडियम की ओर जाने के दौरान बायी ओर इंदौर से आ रहे वाहन, सेंटर डिवाइडर पर पौधों के कारण ठीक से नजर नहीं आते हैं। अक्सर यहां ट्रैफिक सिग्नल भी बंद रहते हैं, जिसके कारण दोनो-तीनों मार्ग से वाहन एक ही समय में आते-जाते हैं।

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