उज्जैनPublished: Nov 09, 2019 10:15:47 pm
Shailesh Vyas
विक्रम विश्वविद्यालय में एक बार फिर लापरवाही सामने आई है। विवि ने राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए शतरंज दल एनवक्त पर रवाना किया। अभा विश्वविद्यालयीन शतरंज स्पर्धा का आयोजन 10 नवंबर को जयपुर में है।
news,Hindi,Vikram,Ujjain,
उज्जैन. खेल और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओ को लेकर विक्रम विश्वविद्यालय में अव्यवस्था और लापरवाही का सिलसिला जारी है। पूर्व की अनेक गड़बडि़यों के बीच अब विवि ने शतरंज प्रतियोगिता के लिए एनवक्त पर दल रवाना किया है।
अभा विश्वविद्यालयीन शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन 10 नवंबर से जयपुर में है। इसके लिए बालक-बालिका के दल का चयन हो चुका था। दल को शुक्रवार को रवाना होना था, लेकिन इसकी तैयारी और टिकट तय नहीं होने के कारण दल को रवाना ही नहीं किया गया। इसके लिए दल में चयनित खिलाड़ी दिनभर विवि में संपर्क करते रहे, पर कोई सही जवाब देने वाला नहीं था। दल में शामिल एक खिलाड़ी के अनुसार विवि की ओर से अवगत कराया गया था कि टीम शुक्रवार की रात को रवाना होगी पर देर शाम तक न टिकट के पते थे और न यात्रा की कोई जानकारी थी। विवि की ओर से दल के सदस्यों को शनिवार को सुबह सूचना दी गई कि दल रात की ट्रेन से जयपुर रवाना होगा। इसे लेकर खिलाड़ी खुश हैं पर परेशान भी। दरअसल विवि की लापरवाही की वजह से दल प्रतियोगिता प्रारंभ होने के कुछ देर पहले ही आयोजकों को रिपोर्ट कर पाएगा। इसके पहले तो आयोजक के साथ की प्रबंधक-प्रशिक्षक की बैठक हो चुकी होगी, जिसमें प्रतियोगिता के नियम के साथ अन्य जानकारी दी जाती है।
अंकसूची में विसंगतियां
विक्रम विश्वविद्यालय को परीक्षा परिणाम बनने का काम नई और अनुभवहीन एजेंसी को देना भारी पड़ता जा रहा है। पहले परिणाम में देरी फिर अनेक गलतियां और अब अंकसूची में गड़बड़ी सामने आई है। जानकारी प्रारूप में ठीक से नहीं होने के कारण हजारों अंकसूची खराब हो गई है। विश्वविद्यालय ने ज्यादातर रिजल्ट घोषित कर दिए हैं। इनमें से कई रिजल्ट अधूरे हैं तो कई में अनेक गड़बडिय़ां हुई हैं। पास छात्र को फेल बता दिया गया और फेल छात्र को पास किया गया। पहले तो देर से परिणाम के बाद अनेक विसंगतियां सामने आ चुकी है। इनका निराकरण बहुत धीमी गति से हो रहा है तो अब अंकसूचियों में गड़बड़ी उजागर हुई हैं।
अंकसूची में कॉलम के अनुसार सेट नहीं
रिजल्ट बाने वाली एजेंसी ने विभिन्न परीक्षाओं की करीब ४० हजार अंकसूची तैयार कर विवि को दी हैं और इसमें प्रकाशन के साथ-साथ जानकारियों को लेकर भी विसंगतियां सामने आई है। अंकसूची में कॉलम के अनुसार जानकारी सेट नहींं ही गई है। वहीं एेसी जानकारी भी छाप दी, जिसका अंकसूची/परीक्षा/संकाय या वर्ष से कोई वास्ता नहीं है। सेङ्क्षटग सही नहीं होन से परिणाम की अनेक जानकारी कॉलम से बाहर है। इस तरह की अंकसूची विद्यार्थियों को जारी करने की स्थिति में विवि की छवि पर असर होगा। अंकसूची को रोका तो हजारों अंकसूची बेकार होगी। इन्हें फिर से तैयार करना पड़ेगा।