चालू वित्तीय वर्ष का यह एनक्यूएएस का आखिरी दौरा था। दल के सदस्य डॉ. संदीप शर्मा व डॉ. स्नेहलता वर्मा ने चरक के बाद दूसरे दिन जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ जिला अस्पताल आरएमओ डॉ. नीतराज गौड़, क्वालिटी कंट्रोल की नोडल अधिकारी डॉ. संगीता पलसानिया भी थीं। दल ने इमरजेंसी और ओपीडी पर विशेष फोकस किया। ओपीडी के आर्थोपेडिक वार्ड में उन्होंने स्टॉफ से ड्रेसिंग को लेकर सवाल-जवाब किए। यहां मरीजों का रजिस्टर देखा लेकिन इसमें प्रकरणों की जानकारी नहीं थी। डॉ. शर्मा ने निर्देश दिए कि मरीजों के नाम के साथ ही किस प्रकार की समस्या के कारण वे यहां आए, इसकी जानकारी भी होना चाहिए। इससे प्रकरणों का पेटर्न पता चलता है। ओपीडी के रजिस्टर में यह उल्लेख नहीं था कि किस डॉक्टर ने कितनी ओपीडी की है। डॉ. शर्मा ने इस पर भी आपत्ति लेते हुए रजिस्टर में पूरी जानकारी दर्ज करने का कहा। उन्होंने ओपीडी काउंटर में बीपी की जांच करवाई वहीं एंटी डॉग बाइटिंग इंजेक्शन रूम में स्टॉफ से चर्चा कर उपचार की प्रक्रिया जानी। दल ने करीब शाम ६.३० बजे अस्पतालों का निरीक्षण किया। अब कुछ सप्ताह में एनक्यूएएस के परिणाम घोषित किए जाएंगे।
गंदगी की शिकायत की
दल के निरीक्षण को लेकर जिला अस्पताल की स्थिति पहले ही बदल दी गई थी। वार्डों में सभी पलंगों पर साफ चादर बिछे हुए थे वहीं व्हीलचेयर व स्ट्रेचर भी व्यवस्थित थे। परिसर में सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया था। इसके चलते दल ने सफाई व्यवस्था पर संतोष जताया लेकिन कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति ली। उन्होंने दल के सामने आरोप लगाया कि आम दिनों में परिसर में गंदगी रहती है।