वित्तीय वर्ष २०२४-२५ के बटज को लेकर मेयर इन काउंसिल शुक्रवार को भी बैठक हुई। अधिकारियों द्वारा दिए २१ लाख रुपए के लाभ के बजट में कुछ प्रस्तावों पर केंची चलाने और कुछ नए प्रस्ताव शामिल कर एमआइसी ने प्रस्तावित बजट पर मुहर लगा दी है। बजट में कोई नया टेक्स नहीं लगाया गया है वहीं कुछ नई सुविधाओं के लिए प्रावधान किए हैं। एमआइसी से स्वीकृति प्रस्तावित बजट को अंतिम मंजुरी के लिए अब नगर निगम परिषद में रखा जाएगा। महापौर मुकेश टटवाल ने बताया कि बजट में शहर विकास, जनसुविधाओं और जीवन स्तर में बढ़ोतरी पर विशेष ध्यान दिया गया है। बैठक में निगम आयुक्त आशीष पाठक, एमआईसी सदस्य शिवेन्द्र तिवारी, रजत मेहता, प्रकाश शर्मा, सत्यनारायण चौहान, कैलाश प्रजापत, जितेन्द्र कुवाल, अनिल गुप्ता, डॉ. योगेश्वरी राठौर, दुर्गा चौधरी, सुगन वाघेला, अपर आयुक्त वित्त दिनेश चौरसिया मौजूद थे।
पार्षद क्षेत्र में काम करवा सकेंगे
पूर्व में पार्षद क्षेत्रवासियों की मांग पर अपने मद से वार्ड में अस्थायी कार्य करवाते थे। इसमें मुख्य रूप से उद्यानों में स्टील चेयर लगाना, झूले-चकरी लगवाना जैसे कार्य प्रमुख थे। बाद में वॉटर कूलर लगाने और डस्टबीन बांटने का भी खासा चलन बढ़ा। इससे खर्च बढ़ने के साथ ही आर्थिक अनियमितता के आरोपों लगे थे। इसके चलते कुछ वर्षों से पार्षदों के मद से अस्थायी प्रवत्ति के कार्य पर रोक लगा दी गई थी। एमआइसी ने अपने बजट में इस रोक को हटाते हुए पार्षदों को बड़ा तोहफा दिया है।
फिर 24 घंटे पानी देने का प्रयास
नए निगम बोर्ड गठन के बाद पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक वार्ड में २४ घंटे जलप्रदाय का निर्णय लिया गया था लेकिन अभी तक ऐसा हो नहीं पाया। इस बजट में फिर इस प्रस्ताव को शामिल किया है। शहर के दो वार्ड में २४ घंटे जलप्रदाय का प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए उक्त वार्डों में नलों पर मीटर लगाए जाएंगे और मीटर रिडिंग के आधार पर ही बिल जारी होगा। इसके अलावा शहर की होटल, रेस्टोरेंट, गैरेज आदि जहां पीएचई के पानी का व्यावसायिक उपयोग होता है, उनके कनेक्शन में भी मीटर लगाए जाएंगे।
6 करोड आय, 18 करोड़ खर्च कर दिए
बैठक में पीएचई की आय-व्यय पर मंथन हुआ। बताया गया कि दिसंबर तक पीएचई विभाग १८ करोड़ रुपए खर्च कर चुका है। इसके विपरित जलकर से महज ६ करोड़ रुपए का राजस्व ही प्राप्त हुआ है। शहर में ६२ हजार घरेलू कनेक्शन रजिस्टर्ड हैं। १४० रुपए प्रति महीने से जलकर वसूली होती तो वर्ष के करीब १० करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होता। महापौर ने जलकर वसूली बढ़ाने और ऑनलाइन सिस्टम को अपडेट करने के निर्देश दिए हैं।
प्रस्तावित बजट में यह है खास
– सभी वार्डों में वॉटर एटीएम स्थापित होंगे।
– श्रीमहाकाल लोक के सामने महिलाओं के लिए सुविधाघर, फ्रेश रूम का निर्माण।
– शहर में विभिन्न स्थानों पर सुविधा घर।
– बाहर से आने वालों के लिए बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, महाकाल मंदिर व रामघाट पर सुविधा केंद्र संचालित होंगे। लोगों को होटल, यात्री वाहन आदि की जानकारी मिलेगी।
– गोपाल मंदिर सब्जी मंडी का नवनिर्माण।
– मक्सीरोड बस डीपो में कागज के लिफाफे बनाने का प्लांट स्थापित होगा।
– आवासीय भवनों को व्यावसायिक उपयोग करने पर कमर्शियल टेक्स वसूलेंगे।
– चयनित स्थान पर मल्टीलेवल पार्किंग निर्माण।