किसानों को सौगात
सरकार ने चुनावी तैयारी करते हुए किसानों को बड़ी सौगात दी है। इसके अंतर्गत खरीफ की फसल पर केन्द्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है। कैबिनेट के इस फैसले से उज्जैन व रतलाम जिले सहित समूचे मालवा क्षेत्र के किसानों को उनकी लागत का ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा। वहीं सोयाबीन की फसल पर लगभग 450 और मक्का की फसल पर 200 रुपए बढ़ी हुई एमएसपी मिलेगी। खरीफ की फसलों में सोयाबीन, मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा है, जिससे किसानों को लाभ मिलेगा। मूल्य बढऩे से किसानों के चेहरों पर खुशी छा गई। साथ ही साथ अब किसी भी फसल की पैदावार लागत में सभी खर्चे शामिल होंगे- जैसे बीज, खाद, कीटनाशक, मजदूरी, मशीन आदि। उसके आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाएगा।
इन फसलों के दाम बढ़ाए
सूत्रों के मुताबिक मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1700 रुपए से बढ़ाकर 1900 रुपए कर दिया गया है। वहीं सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2950 रुपए था, इसमें साढ़े चार सौ बढ़ाए गए हैं।
समर्थन मूल्य बढऩे से किसान खुश
इधर, फसलों के एमएसपी रेट बढऩे के बाद किसानों के चेहरों पर खुशी छा गई। क्योंकि फसलों पर बंपर रूप से बढ़ोत्तरी की गई है। ग्राम जीवनखेड़ी के किसान संतोष माली ने बताया कि मालवा क्षेत्र की मुख्य फसलों में सोयाबीन और मक्का ही प्रमुख हैं, जिनके समर्थन मूल्य बढऩे से किसानों को लाभ होगा।
इन्होंने कहा-
पहले सोयाबीन का समर्थन मूल्य 2950 रुपए था, इसमें साढ़े चार सौ बढ़ाए गए हैं, यह स्वागत योग्य है। इसी प्रकार मालवा की मुख्य दूसरी फसल मक्का है, जिसका समर्थन मूल्य पहले 1700 रुपए था, अब बढ़ाकर 1900 किया गया है। मक्का की फसल रतलाम क्षेत्र में अधिक होती है। सरकार जहां समर्थन मूल्य बढ़ा रही है, वहीं खरीदी की व्यवस्था भी सरकार स्वयं सुनिश्चित करे।
– भारतसिंह बैस, प्रदेश प्रवक्ता भारतीय किसान संघ
– सरकार द्वारा खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दी गई है, जिससे किसानों को लाभ होगा।
– बहादुरसिंह बोरमुंडला, अध्यक्ष कृषि उपज मंडी समिति उज्जैन