जिला पंचायत की साधारण सभा में ग्रामीण समस्या, गांवों में संचालित सरकारी योजनाओं तथा विभागों के कार्यों की समीक्षा की जाती है। जिपं सदस्य बैठक में अपने क्षेत्र की समस्या को उठाते हैं, उनका निराकरण करवाते हैं। किसी मुद्दे पर गड़बड़ी या क्रियान्वयन में लापरवाही पर अधिकारियों से सवाल-जवाब भी करते हैं। इसके लिए सदस्यों को किसी मुद्दे पर बोलने पर समय सीमा तय नहीं थी, लेकिन पहली बार जिपं सीईओ संदीप राजप्पा ने हर मुद्दे पर बोलने के लिए १० मिनट का समय तय कर दिया है। २९ जनवरी को सुबह १२.३० बजे होने वाली बैठक में पालन प्रतिवेदन पर १० मिनट चर्चा होगी और इसके बाद अन्य मुद्दों पर १०-१० मिनट के अंतराल में बात होगी। सीईओ के इस नए आदेश पर नाराज सदस्य आरोप लगा रहे हैं कि साधारण सभा में बोलने का हक खत्म किया जा रहा है।
एजेंडा का फोल्डर तक नहीं भेजा
साधारण सभा से पहले बैठक के एजेंडा का फोल्डर भी सदस्यों को नहीं मिला है। सदस्य बता रहे हैं कि यह बैठक के एक सप्ताह पहले मिल जाना चाहिए, ताकि सदस्य उस पर तैयारी कर सके। २९ तारीख को होने वाली बैठक का पत्र २५ को भेजा जा रहा है। ऐसे में बगैर तैयारी सदस्य कैसे बैठक में आएंगे। हालांकि सीईओ राजप्पा का कहना है ऐसी कोई समय-सीमा तय नहीं है।
मेरी जानकारी बगैर समय तय किया
&किस विषय पर कितना बोलना है, यह मुझे तय करना है। सीईओ ने मेरी जानकारी के बगैर समय तय किया है। समय तय करके बात करना है तो सीईओ बैठक कर लें। ऐसी बैठक की अध्यक्षता मैं नहीं करुंगा।
महेश परमार, अध्यक्ष, जिला पंचायत
लोकसभा, विधानसभा में भी सदस्यों को बोलने की समय सीमा रहती है। समय निर्धारित करने से सभी बिंदुओं पर चर्चा होगी। किसी सदस्य के बोलने पर रोक या बंदिश जैसी कोई बात नहीं है।
संदीप राजप्पा, सीईओ, जिला पंचायत
बैठक के मुद्दे… इतना मिलेगा समय
विषय – समय
पालन प्रतिवेदन – १२.३० से १२.४०
लोक निर्माण विभाग – १२.४० से १२.५०
कृषि विभाग – १२.५० से ०१.००
वन विभाग – ०१.०० से ०१.१०
मत्स्य विभाग – ०१.१० से ०१.२०
मध्याह्न भोजन – ०१.२० से ०१.३०
स्वच्छ भारत अभियान – ०१.३० से ०१.४०
मनरेगा – ०१.४० से ०१.५०
सांसद आदर्श गांव – ०१.५० से ०२.००
अन्य मुद्दे – ०२.०० से ०२.३०