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नवरात्रि में पांच रवि और एक बार सर्वार्थसिद्धि योग…यह है खास

locationउज्जैनPublished: Sep 28, 2018 07:43:59 pm

Submitted by:

Gopal Bajpai

10 अक्टूबर को घट स्थापना के साथ होगी शक्ति की आराधना

Shardiya Navratri

Shardiya Navratri

उज्जैन. अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की शारदीय नवरात्रि 10 अक्टूबर बुधवार को बुध चित्रा योग में शुरू होगी। देवी आराधना के पर्वकाल में पांच बार रवि और एक बार सर्वार्थसिद्धि योग का संयोग बन रहा है।

ज्योतिषियों के अनुसार नवरात्रि की घट स्थापना बुधवार के दिन होगी। वहीं महाअष्टमी भी बुधवार के दिन रहेगी। नवरत्रि में पांच बार रवि और एक बार सर्वार्थसिद्धि योग का संयोग बन रहा है। देवी आराधना का पर्व काल साधना, सिद्धि, आराधना के साथ खरीददारी के लिए भी खास है। रवियोग में सोने,चांदी के आभूषण, वाहनए भूमि, भवन खरीदना विशेष शुभफल प्रदान करेगा।

नवरात्रि में शुभ कार्य
अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दु्र्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इन दिनों लोग व्रत रखते हैं और दसवें दिन कन्या पूजन के बाद व्रत खोलते हैं। शारदीय नवरात्रि में हर तरह के शुभ कार्य किए जा सकते हैं। नवरात्रि के 9 दिन बहुत शुभ होते हैं इसमें किसी विशेष कार्य के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती। इन खास दिनों पर लोग गृह प्रवेश और नई गाडिय़ों की खरीददारी करते हैं।

नवरात्रि का महत्व
हिन्दू धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। पूरे वर्ष में कुल मिलाकर चार बार नवरात्र आते हैं। चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी नवरात्र होती है। इसके अलावा आषाढ़ और माघ महीने में गुप्त नवरात्रि आते हैं। तंत्र साधना के लिए गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। देवी माता को प्रसन्न करने के लिए तांत्रिक तंत्र साधना करते हैं, लेकिन सिद्धि साधना के लिए शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष में पडऩे वाले नवरात्र गुप्त नवरात्र कहलाते हैं। हालांकि गुप्त नवरात्र को आमतौर पर नहीं मनाया जाता लेकिन तंत्र साधना करने वालों के लिये गुप्त नवरात्र बहुत ज्यादा मायने रखते हैं। तांत्रिकों द्वारा इस दौरान देवी मां की साधना की जाती है।

कब.कब रवि व सर्वार्थ सिद्धि
10 अक्टूबर प्रतिपदा रवियोग

12 अक्टूबर चतुर्थी रवियोग
13 अक्टूबर पंचमी रवियोग

14 अक्टूबर षष्ठी रवि तथा सर्वार्थसिद्धि योग
15 अक्टूबर सप्ती रवियोग

 

किसी तिथि पर किस देवी की होगी पूजा.आराधना

10 अक्टूबर. नवरात्रि का पहला दिन, घट कलश स्थापना, शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी पूजा
11 अक्टूबर. नवरात्रि 2 दिन तृतीय, चंद्रघंटा पूजा

12 अक्टूबर. नवरात्रि का तीसरा दिन, कुष्मांडा पूजा
13 अक्टूबर. नवरात्रि का चौथा दिन, स्कंदमाता पूजा

14 अक्टूबर. नवरात्रि का 5वां दिन, सरस्वती पूजा
15 अक्टूबर. नवरात्रि का छठा दिन, कात्यायनी पूजा

16 अक्टूबर. नवरात्रि का सातवां दिन, कालरात्रि, सरस्वती पूजा
17 अक्टूबर. नवरात्रि का आठवां दिन,महागौरी, दुर्गा अष्टमी-नवमी पूजन

18 अक्टूबर. नवरात्रि का नौवां दिन, नवमी हवन, नवरात्रि पारण
19 अक्टूबर. दुर्गा विसर्जन, विजयादशमी

 

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