मामले की शिकायत पहुंची थी सीएम तक
शनिवार को शनिश्चरी अमावस्या के चलते शिप्रा त्रिवेणी घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने पहुंचते हैं। त्रिवेणी पर पानी नहीं होने का मुद्दा उठने के बावजूद नगर निगम व प्रशासन समय पर पानी उपलब्ध नहीं कर सका था। नतीजतन श्रद्धालुओं को कान्ह नाले के गंदे पानी से फव्वारे के जरिए स्नान करने पर मजबूर होना पड़ा था। मामले की शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंचने के बाद बड़ प्रशासनिक अधिकारियों पर गाज गिरी है।
एक वर्ष भी पूरा नहीं किया सिंह ने
मुख्य सचिव की अनुशंसा पर संभागायुक्त ओझा और कलेक्टर सिंह का स्थानांतरण कर दिया गया है। बता दें कि आइएएस बनने के बाद बतौर कलेक्टर सिंह के लिए उज्जैन पहला जिला था और कार्यकाल को एक वर्ष भी पूरा नहीं हुआ था।
आहत आस्था पर गरमाई राजनीति
गंदे पानी में स्नान करने को मजबूर होने से श्रद्धालुओं की आस्था आहत हुई थी। इसी के साथ राजनीति भी गरमा गई थी। स्नान के दिन ही सांसद प्रो. चिंतामणि मालवीय व भाजपा नेताओं ने त्रिवेणी घाट का दौरा कर अव्यवस्थाओं के लिए कांग्रेस सरकार और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया था। अगले दिन कांगे्रस ने हमला बोलते हुए इसे भाजपा की साजिश करार दिया व अधिकारियों को भाजपा व संघ का नजदीकी बताया था। मुख्यमंत्री कमलनाथ तक भी शिकायत पहुंची और उन्होंने तत्काल मामले की जांच के आदेश दे दिए।
हाल में हुआ था मिश्रा का तबादला
उज्जैन के नए कलेक्टर बनाए गए शशांक मिश्रा भारतीय प्रशासनिक सेवा 2007 बैच के अधिकारी हैं। इससे पूर्व बैतुल, सिंगरोली, मंदसोर में भी कलेक्टर रह चुके हैं। कांग्रेस सरकार बनने के बाद हाल में उनका स्थानांतरण बैतुल कलेक्टर से उपसचिव मप्र शासन मंत्रालय किया गया था। इसके बाद अब उन्हें उज्जैन कलेक्टर की कमान सौंपी हैं। संभागायुक्त बनाए गए अजीतकुमार वर्तमान में उच्च शिक्षा आयुक्त पद पर पदस्थ हैं।