टैक्स वसूली के बाद भी बदहाल बायपास पर कार पलटने से युवक की मौत हो गई। सिंहस्थ 2016 में 14 किमी का टू-लेन बायपास का निर्माण किया था। घटना से ठेकेदार की लापरवाही उजागर हो गई।
उज्जैन•Oct 18, 2019 / 10:48 pm•
Shailesh Vyas
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उज्जैन. इंदौर रोड को उज्जैन शहर के बाहरी हिस्से से बडऩगर-नागदा रोड से जोडऩे वाला 94 करोड़ रुपए का चिंतामण बायपास प्रतिमाह 20 लाख से अधिक की टोल टैक्स वसूली के बाद भी बदहाल है। वर्षा के कारण खराब हुई सड़क को मरम्मत के लिए सात दिन पहले खोदा गया था, लेकिन चेतावनी के संकेतक नहीं लगाए गए थे। खोदी गई सड़क से बचने के चक्कर में गुरुवार रात कार पलटने से एक युवक की मौत हो गई,चार घायल हो गए।
मप्र सड़क विकास निगम की ओर से सिंहस्थ 2016 में बीओटी के तहत 94 करोड़ रुपए खर्च कर 14 किमी का टू-लेन बायपास बनया गया था। संचालन के लिए इसे निजी ठेकेदार को दिया गया है। मेसर्स उज्जयिनी हाइ-वे टोल प्रालि को बीओटी में इसका ठेका देकर 15 साल तक वाहन चालकों से टोल टैक्स वसूलने के अधिकार दिए थे। निर्माण के बाद चार वर्ष में एमपीआरडीसी ने इसकी सुध नहीं ली और ठेकेदार भी काम चलाऊ व्यवस्था करता रहा है।
प्रतिवर्ष खराब होता है एक हिस्सा
प्रतिमाह लाखों रुपए टोल टैक्स वसूलने के बाद भी रोड बदहाल है। क्षिप्रा पुल से लेकर हाटकेश्वर विहार कॉलोनी तक की सड़क का हिस्सा निर्माण के बाद से ही एक वर्षाकाल में दबकर सड़क को क्षतिग्रस्त कर देता है। टोल कंपनी भी पैचवर्क कर कर्तव्य की इतिश्री करती रही है। एमपीआरडीसी ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया और टोल कंपनी ने भी यह परीक्षण करने की जहमत नहीं ली कि आखिरकार क्या वजह है कि सड़क का यही हिस्सा अधिक खराब होता है। सात दिन से खुदी हुई है सड़क इस बार अधिक वर्षा के कारण हाटकेश्वर विहार कॉलोनी तक के हिस्से में सड़क खराब हो चुकी थी। इसकी मरम्मत के लिए लगभग ५० फीट के हिस्से को सात दिन पहले खोदा गया था। एकदम मध्य से खोदे गए इस हिस्से के कारण वाहनों के निकलने की बहुत ही कम जगह रह गई। डामर की टूटी परत, गिट्टी के सड़क पर फैलने, सड़क में जगह-जगह दरार होने के बाद भी टोल कंपनी ने खासकर रात के समय लिए चेतावनी का कोई इंतजाम नहीं किया। केवल मध्यप्रदेश पुलिस के बैरिकेड्स बीच सड़क पर रख दिए थे। यही स्थिति हादसे का कारण बनी और एक युवक की जान चली गई। गौरतलब है कि गत वर्ष इसी स्थान पर क्षतिग्रस्त सड़क की वजह से एक नई कार पलट गई थी। हालांकि उस में जनहानि नहीं हुई, केवल कार क्षतिग्रस्त हो गई थी।
मुश्किल है सफर
94 करोड़ के बायपास का निर्माण बगैर बाधा के स्पीड से वाहन निकालने के मापदंड के अनुसार होने का दावा है, लेकिन इस पर सफर मुश्किल है। इस पर दोपहिया वाहन चलाना कठिन है। मार्ग पर वाहन चलाने के लिए मापदंड के अनुसार ४० से ६० की गति तय है, लेकिन सड़क की स्थिति ऐसी है कि वाहन का संतुलन बिगड़ता है।
नोटिस के बाद कार्रवाई
नियम और मापदंड का पालन नहीं होने की स्थिति में नोटिस जारी करने के बाद कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ पूरे मार्ग का अवलोकन कर खामियों को टोल कंपनी से दूर कराया जाएगा।
अशोक शर्मा, संभागीय महाप्रबंधक एमपीआरडीसी।