चार रूपों में दिए महाकाल ने दर्शन
सावन मास के आखिरी सोमवार को भगवान महाकाल ने चार स्वरूपों में दर्शन दिए। पालकी में चंद्रमौलेश्वर, गरुड़ पर शिव-तांडव प्रतिमा, बैल पर उमा-महेश स्वरूप तथा हाथी पर मनमहेश के रूप में नगर भ्रमण किया। सवारी प्रारंभ होने के पहले मंदिर के सभामंडप में विधिवत भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन किया गया। मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर भगवान को दिया गया। इसके बाद परंपरागत मार्गों से होते हुए सवारी रामघाट पहुंची, जहां भगवान महाकाल का शिप्रा के जल से अभिषेक एवं पूजा-अर्चना किया गया। पूजन-अर्चन के बाद सवारी पुन: अन्य मार्गों से होकर महाकाल मंदिर पहुंची।
उमा भारती ने महाकाल पूजन के बाद ये कहा
पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी सुबह उज्जैन आईं। उन्होंने गर्भगृह में जाकर बाबा महाकालेश्वर की पूजा अर्चना की, इसके बाद वे कुछ देर नंदी हॉल में रुकीं। मीडिया से चर्चा करते हुए कहा गंगा नदी सफाई का 90 प्रतिशत काम हो चुका है। 6 माह में पूर्ण हो जाएगा। गंगा नदी को साफ करने का काम 90 प्रतिशत तक पूरा हुआ। अगले 6 महीने में काम पूरा हो जाएगा। अब इस काम में नितिन गडकरी का पूरा सहयोग मिल रहा है। शिप्रा नदी शुद्धिकरण पर कहा शिवराज जो कहेंगे, वो पूरा सहयोग करूंगी। महाकालेश्वर मंदिर में पूजन अर्चन करने आई केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने मीडिया से चर्चा में यह बात कही। सावन के आखिरी सोमवार पर महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर भारती ने पूजन व पंचामृत अभिषेक किया। वे करीब 15 मिनट तक गर्भगृह में रहीं। प्रदेश में चौथी बार भी भाजपा की सरकार बनने की बात उन्होंने दोहराई और कहा कि प्रदेश की जनता शिवराज सिंह के साथ है। महाकालेश्वर मंदिर में पूजन अभिषेक कर वे सड़क मार्ग से भोपाल के लिए रवाना हो गई। पहले कभी भाजपा नेता व कार्यकर्ताओं से घिरी रहने वाली उमा भारती से मिलने इक्का-दुक्का नेता ही पहुंचे।
हेलीपेड पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने सीएम से की ये शिकायत
हेलीपेड पर जैसे ही मुख्यमंत्री पहुंचे, कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया और अपनी पीड़ा सुनाई। उन्होंने कहा कि महाकाल मंदिर पर अधिकारियों का कब्जा हो गया है, जनप्रतिनिधि भी रोज अपमानित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को हेलीपेड पर बीजेपी पिछड़ा मोर्चा ने ज्ञापन भी दिया, जिसमें महाकाल मंदिर में फैली अव्यवस्था, अधिकारियों द्वारा मंदिर पर अघोषित कब्जा करने और अपने परिवारों को सीधे दर्शन कराने की शिकायत की है। साथ ही शहर के जनप्रतिनिधियों को कई अवसरों पर अपमानित करने की शिकायत की है। पिछड़ा मोर्चा के नगर महामंत्री संदीप राजनोद द्वारा ज्ञापन दिया गया। साथ में एमआईसी सदस्य सत्यनारायण चौहान, राधेश्याम वर्मा, केसरसिंह पटेल, घनश्याम शर्मा आदि मौजूद रहे।
ओम नम: शिवाय से गूंजी राहें
सावन के तीसरे सोमवार को राजाधिराज भगवान महाकालेश्वर की चौथी सवारी शाम 4 बजे धूमधाम के साथ निकली। भगवान महाकाल ने चार स्वरूपों में भक्तों को दर्शन दिए। प्रजा जय-जयकार कर उठी। सवारी मंदिर से चलकर शिप्रा तट रामघाट पहुंची, जहां पूजन आरती हुई। इसके बाद सवारी पुन: आरंभ हुई और विभिन्न मार्गों से होकर शाम 7.30 बजे महाकाल मंदिर पहुंची।
चांदी की पालकी में निकले पालनहार
चांदी की पालकी में विराजे पालनहार ने श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में सोमवार को चौथी बार प्रजा का हाल जाने। मंदिर में पूजन के बाद शाम 4 बजे पालकी नगर भ्रमण के लिए मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची। यहां पुलिस सशस्त्र बल द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद सवारी प्रमुख मार्गों से होते हुए रामघाट पहुंची, जहां शिप्रा के जल से बाबा का अभिषेक पूजन किया गया।
श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
भगवान महाकाल श्रावण-भादौ में हर सोमवार को नगर भ्रमण पर निकलते हैं और प्रजा का हाल जानते हैं। इस नजारे को देखने हजारों-लाखों श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। अगली सवारियों के क्रम में शिव के मुखारविंदों की अलग-अलग रजत प्रतिमाओं की सुंदर झांकियां और चांदी की पालकी में सवार होकर स्वयं बाबा महाकाल नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे। भूत-पिशाच, देवी-देवताओं का रूप बनाकर सवारी में शामिल हुए। भजन मंडलियां रास्तेभर भोले का गुणगान करती चलीं।