scriptMP ELECTION 2018 : कांग्रेस नेता अनुशासन की हदें पार करते रहे हैं, भाजपा भी गुटबाजी से अछूती नहीं… | Both the main parties are struggling with factionalism | Patrika News

MP ELECTION 2018 : कांग्रेस नेता अनुशासन की हदें पार करते रहे हैं, भाजपा भी गुटबाजी से अछूती नहीं…

locationउज्जैनPublished: Nov 26, 2018 11:31:44 am

Submitted by:

Lalit Saxena

दोनों ही प्रमुख दल गुटबाजी से जूझ रहे हैं। कांग्रेस में कलह कई बार सतह पर दिख चुकी है।

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उज्जैन से गोपाल स्वरूप वाजपेयी. दोनों ही प्रमुख दल गुटबाजी से जूझ रहे हैं। कांग्रेस में कलह कई बार सतह पर दिख चुकी है। कमलनाथ, सिंधिया व दिग्विजय गुट में बंटे कांग्रेस नेता अनुशासन की हदें पार करते रहे हैं। भाजपा भी गुटबाजी से अछूती नहीं है। इस बार टिकट के तगड़े दावेदार सोनू गहलोत ने शुरू में बगावत का बिगुल बजा दिया था।

मालवा का केंद्र उज्जैन भाजपा का गढ़
उ ज्जैन शहर दो विधानसभा क्षेत्रों में बंटा है। उज्जैन दक्षिण व उज्जैन उत्तर। दक्षिण क्षेत्र में ज्यादातर ग्रामीण इलाके आते हैं, जबकि उत्तर क्षेत्र पूरी तरह से शहरी है। मालवा का केंद्र उज्जैन भाजपा का गढ़ रहा है। उज्जैन उत्तर से पांच बार के विधायक व साढ़े तेरह साल से मंत्री पारस जैन फिर मैदान में हैं। सिर्फ 1998 को छोड़कर करीब तीन दशक से एकतरफा जीत हासिल करते आ रहे पारस के लिए यह चुनाव अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। पहली बार इस सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष है। कांंग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रही माया त्रिवेदी ने कांग्रेस का सिरदर्द तो बढ़ाया ही है, भाजपा के समीकरणों को भी उल्टा-पुल्टा कर दिया है। इसी सीट से एक बार विधायक रह चुके कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र भारती सत्ताविरोधी रुझान व क्षेत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव का इस्तेमाल कर दम भर रहे हैं। इस सीट पर ब्राह्मण व मुस्लिम मतदाता बहुल मात्रा में हैं। इस बार ब्राह्मण मतदाताओं के अलावा महिलाओं का रुझान माया की ओर, मुस्लिमों का झुकाव कांग्रेस की ओर दिख रहा है। ऐसे में भाजपा को अपने ठोस वोट बैंक व्यापारी वर्ग से बड़ी आस है।

देवास गेट क्षेत्र में व्यापारियों व युवाओं के साथ माहौल समझने की कोशिश की। कलर लैब चलाने वाले रोहित बलसारा बोले, शहर में उद्योग-धंधे नहीं होने से युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। युवक ढाई से तीन हजार की नौकरी के लिए भटक रहे हैं। मिलें सालों पहले बंद कर दी गईं। राजेश सोलंकी, राजेश लश्करी ने भी बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बताया। अमृत बलसारा व अमित मकवाना बोले, भाजपा सरकार ने व्यापारियों के साथ खिलवाड़ किया है, जबकि व्यापारी भाजपा का ठोस वोट बैंक रहा है। मिर्जा नईम बेगम मार्ग पर ज्वैलरी की दुकान चलाने वाले आशीष जैन मिले। व्यापार कैसा चल रहा है? यह सुनते ही वे फट पड़े। बोले, व्यापार ठप है। दीपावली पर भी सन्नाटा रहा। जीएसटी व नोटबंदी ने व्यापार की कमर तोड़ दी है। ज्वैलर्स ही क्यों, सभी व्यापारी परेशान हैं।

गोपाल मंदिर के पास मेडिकल स्टोर चलाने वाले अनिल मेहता बोले, व्यापार मंदा है। स्थानीय क्या मुद्दे हैं? इस पर वह कहते हैं-स्वीमिंग पूल अभी तक नहीं बन सका। बिजली कटौती सुबह ७ से ८ बजे तक हो रही है। पेयजल आपूर्ति साल में तीन से चार माह बहुत कम होती है।

ताकत-कमजोरी
पारस जैन, भाजपा
2005 से मंत्री हैं। सरल व सहज उपलब्ध, साफ छवि, पार्टी व संघ में मजबूत पकड़।
पार्टी में प्रतिद्वंद्वी को पनपने नहीं देते। सातवां चुनाव लडऩे से मतदाताओं में विरोधी रुझान।

राजेन्द्र भारती, कांग्रेस
पूर्व विधायक, हर वर्ग में पैठ, सिंधिया से जुड़ाव, मंगलनाथ मंदिर के पुजारी।
कांग्रेस की गतिविधियों से दूर रहे। कुछ समर्थकों तक ही सीमित रहने से नुकसान।

माया त्रिवेदी, निर्दलीय (बागी)
दो बार से पार्षद, गत तीन साल से क्षेत्र में सतत सक्रिय, जनचर्चा में उभरा नाम।
कांग्रेस से निष्कासित होने के कारण समर्थकों की संख्या गिनी-चुनी बची।

उज्जैन में मेडिकल कॉलेज खुलवाना है। बस्तियों में सुविधाएं उपलब्ध कराना है। आवास योजना के तहत गरीबों को मकान दिलवाएंगे। कांग्रेस के पास मुद्दा नहीं है।
– पारस जैन, भाजपा

बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है। शहर में पावरलूम, अगरबत्ती व दोना व्यवसाय से कई लोग जुड़े हैं। इसके लिए सही नीति बनाने की जरूरत है। उज्जैन में पर्यटन विकास की बहुत संभावना है।
– राजेंद्र भारती, कांग्रेस

यह सर्वाधिक धार्मिक क्षेत्र है। यहां ऐसी सरल व उचित व्यवस्था की आवश्यकता है कि शहरी व बाहरी दर्शनार्थी आसानी से देव दर्शन कर सकें। महिला सुरक्षा भी बड़ा मुद्दा है।
– माया त्रिवेदी, निर्दलीय

15 साल में ये विधायक
2013 पारस जैन, भाजपा
2008 पारस जैन, भाजपा
2003 पारस जैन, भाजपा

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