लांघ रहे है सीमा : इंदौर से महाकाल तक ८००, १५०० रु. में वापसी भी
उज्जैनPublished: Aug 26, 2019 01:07:10 am
छुट्टी के दिन इंदौर से सवारी लेकर डेढ़ सौ से ज्यादा ऑटो करते हैं शहर में प्रवेश, पुलिस नहीं करती कार्रवाई
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उज्जैन. बिना परमिट इंदौर-उज्जैन के बीच अवैध तरीके से ऑटो रिक्शा दौड़ाने का धंधा तेजी से पनप रहा है। जिम्मेदार विभागों की लापरवाही में ताक पर कायदे रख आटो के पहिये बेधड़क शहरों की सीमा तो लांघ ही रहे हैं, यात्रियों की जान से भी खिलवाड़ हो रहा है। सुबह से रात तक दर्जनों ऑटो शहरी सीमाओं के बाहर यात्रियों के साथ दौड़ लगा रहे हैं लेकिन इन पर लगाम लगाने की सुध नहीं ली गई है। एेसे में किसी भी दिन शहरों के बीच ऑटो का अवैध संचालन बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
नियमानुसार यात्री परिवहन करने वाले ऑटो रिक्शा परमिट पर शहरी सीमा में संचालित हो सकते हैं। इसके विपरित इंदौर-उज्जैन के बीच अवैध तरीके से रोज दर्जनों ऑटो न सिर्फ दौड़ रहे है बल्कि यात्रियों को भी ढो रहे हैं। खास बात यह कि शहरी सीमाओं पुलिस चौकी होने के बावजूद न अवैध आटो संचालकों को धरपकड़ का डर है और नहीं इनसे कोई पूछताछ हो रही है। खास बात यह है कि टोल टेक्स के दायरे में ऑटो के नहीं आने के कारण शहरी सीमा लांघने के दौरान टोल नाकों पर इनकी एंट्री भी नहीं होती है। रविवार को पत्रिका टीम ने इन ऑटो को अपने कैमरे में कैद किया।
भारी वाहनों के बीच खतरे में जान
ऑटो के शहरी सीमाएं लांघने से नियमों की धज्जियां तो उड़ ही रही है, बड़ा खतरा यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भी है। दरअसल भारी यातायात के चलते ऑटो शहरों के बाहर फोरलेन या व्यस्त सड़कों पर दौड़ाने की स्थिति में नहीं होते हैं। इंदौर-उज्जैन फोरलेन पर बड़ी संख्या में वाहनों की आवाजाही होती है। एेसे में किसी वाहन के छोटे से कट या ऑटो के असंतुलित होने से बड़ी दुर्घटना हो सकती है। एेसे में एक से दूसरे शहर ऑटो से सफर, खतरनाक साबित हो सकता है। स्थिति में वाहन दुर्घटना का बीमा क्लेम की सुविधा भी नहीं मिलेगी।
साहब…८०० रुपए लगेंगे इंदौर छोडऩे के
पत्रिका और एक ऑटो चालक की बातचीत के अंश…
पत्रिका: क्या ऑटो से विजयनगर तक छोड़ दोगे?
ऑटो चालक- हां, छोड़ देंगे
पत्रिका: कितना किराया लोगे।
ऑटो चालक- विजयनगर तक छोडऩा है तो ८०० रुपए लगेंगे। आना-जाना है तो १५०० रुपए। (हालांकि मोलभाव पर १३०० रुपए में ले जाने को तैयार हो गए।)
पत्रिका: रास्ते में कोई परेशानी तो नहीं?
ऑटो चालक- काहे की परेशानी। अक्सर आना-जाना लगा रहता है।
पत्रिका: इंदौर से भी ऑटो आते हैं?
ऑटो चालक- हां, इंदौर से भी ऑटो आते हैं। इंदौर की सवारी महाकाल मंदिर और मंगलनाथ तक जाती है।
पत्रिका: शहर में कोई इन्हें रोकता नहीं?
ऑटो चालक- साहब, सब चलता है।
एयर पोर्ट तक जाने में ऑटो का इस्तेमाल
सिर्फ इंदौर के ऑटो ही नियमों को लांघ उज्जैन में नहीं घूम रहे हैं, उज्जैन के ऑटो भी इंदौर तक सवारी ले जाते हैं। उज्जैन से मुख्य रूप से इंदौर में एयर पोर्ट ले जाने की बुकिंग अधिक होती है। इसके भी अलग-अलग दाम है। यात्री को एयर पोर्ट के बाहर छोडऩा हो तो ८०० और अंदर छोडऩा हो तो एक हजार रुपए वसूले जाते हैं।
रविवार को हर थोड़ी देर में टूटते कायदे
आम दिनों में ३०-४० ऑटो शहरी सीमाओं को लांघ दूसरे शहरों में आते-जाते हैं। वहीं रविवार, छुट्टी के दिन या पर्व विशेष पर यह आंकड़ा १५० से २०० तक पहुंच जाता है। इन दिनों में स्थिति यह बनती है कि हर १५-२० मिनट में एक ऑटो सवारी के साथ इंदौर से उज्जैन में आसान से प्रवेश करना नजर आता है।
ऐसे बेरोकटोक प्रवेश: इंदौर की ओर से आते इंदौर पासिंग एक ऑटो का पत्रिका टीम ने रविवार सुबह ११.१५ बजे तपोभूमि से पीछा किया। ऑटो में कुछ लोग भी बैठे थे। त्रिवेणी ब्रिज के आगे बने चेकिंग पाइंट पार कर ऑटो महामृत्युंजय लाल द्वार की तरफ बढ़ा। इंदौर रोड फोरलेन से होते हुए ऑटो जंतर मंतर गऊघाट चौराहे पहुंचा। यहां चालक ने होटल पर खड़े युवक से मंगलनाथ का रास्ता पूछा। जयसिंहपुरा रेलवे लाइन क्रॉस कर ऑटो हरसिद्धि चौराहा पहुंचा और नृसिंहघाट की ओर मुड़ गया।
&ये आपने संज्ञान में लाया है, यदि एेसा हो रहा है तो बेहद जोखिम भरा है। ऑटो को शहरी क्षेत्र में संचालन का परमिट रहता है। इंदौर पासिंग ऑटो शहर आ रहे हैं तो हम उन पर कार्रवाई करेंगे। साथ ही यहां के ऑटो के भी उज्जैन सीमा से पार जाने पर एक्शन लेंगे।
अरविंद कुशराम, आरटीओ
इस संबंध में जांच की जाएगी। यदि इस तरह का मामला सामने आता है तो जरूर कार्रवाई की जाएगी।
एचएन बाथम, ट्रैफिक डीएसपी