scriptभारत जोड़ो बड़े बदलाव की यात्रा | Bharat jodo bade badlav ki yatra Ujjain MP | Patrika News
उज्जैन

भारत जोड़ो बड़े बदलाव की यात्रा

कन्याकुमारी से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा में शामिल दो उज्जैनवासियों से पत्रिका की चर्चा

उज्जैनNov 21, 2022 / 12:57 pm

atul porwal

Bharat jodo bade badlav ki yatra Ujjain MP

Bharat jodo bade badlav ki yatra Ujjain MP


उज्जैन.
अगस्त 2021 में उज्जैन से भोपाल तक 350 किमी अपने जीवन की पहली पद यात्रा करने वाली प्रदेश महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष व उज्जैन की तेजतर्रार नेत्री नूरी खान के साथ तराना विधानसभा के कांग्रेस नेता मुकेश परमार की भारत जोड़ो यात्रा में पहले दिन से ही राहुल गांधी के साथ चलने के अनुभव पर पत्रिका ने खास चर्चा की, उनके अनुभव समझे, विभिन्न राज्यों में यात्रा के साथ व्यवहार पर चर्चा की।
नूरी खान से चर्चा के कुछ अंश

सवाल- भारत जोड़ो यात्रा के अनुभव के बारे में बताएं।
जवाब- उज्जैन से भोपाल की पहली पद यात्रा में भी कम परेशानियां नहीं आई थी। लेकिन उस दरमियान रास्ते के सभी गांव-नगर-शहर के लोगों से चर्चा एक उमंग भर गई। उस अनुभव से राहुल के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का भी जुनून सवार हुआ। 350 किमी पैदल चलने से मिले हौसले ने 3500 किमी की भारत जोड़ो यात्रा में पैदल चलने का जुनून पैदा कर दिया। वरिष्ठ नेताओं से संपर्क किया, साक्षात्कार के लिए दिल्ली बुलाया गया। चयन के बाद मैं 7 सितंबर कन्याकुमारी से यात्रा में शामिल हुई, जिसके बाद से अब तक पद यात्रा में शामिल हूं। लगभग 2 हजार किमी की दूरी तय कर हम उज्जैन पहुंचेंगे।
सवाल- लंबे समय घर से दूर रहने पर किस तरह के अनुभव रहे।
जवाब- दो बच्चों की 12वीं बोर्ड परीक्षा के बावजूद पांच महीने के लिए घर छोडऩा असान नहीं था। लेकिन मुश्किल से ज्यादा इस बात की वेदना थी कि जिस तरह से पूरे देश में हिंदू-मुस्लिम को लड़वाने का काम हो रहा है, उससे जनता को वाकीफ करवाने के साथ लोगों के बीच जाकर उन्हें नफरत से दूर कर भारत जोडऩे के लिए जागरूक करना ज्यादा जरूरी लगा।
सवाल- यात्रा के दौरान दिनचर्या के बारे में क्या अनुभव रहे।
जवाब- बारिश के मौसम में भीगते भी चलना, धूप में सड़कों का तपाना और अब ठंड के मौसम में सुबह 4 बजे उठना, 5.30 बजे झंडा वंदन और इसके बाद 6 बजे यात्रा में निकल पडऩा काफी कठिन, लेकिन ज्यादा रोमांचकारी रहा।
सवाल- अलग-अलग राज्यों के कैसे अनुभव रहे।
जवाब- कन्याकुमारी से शुरू होकर तमिलनाडू पार कर केरला, कर्नाटका, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना पहुंचे, जिसके बाद अब महाराष्ट्रा की बॉर्डर पर हूं। इसके बाद 15 किमी चलने पर मप्र में पहुंच जाएंगे। हर राज्य में अलग संस्कृति मिली, अलग संस्कार मिले, वेशभूषा अलग मिली, रास्ते में मिलने वाले लोगों भाष अलग थी, लेकिन उनका भाव एक था।
सवाल- यात्रा के दौरान क्या कभी विपरित परिस्थिति का सामना करना पड़ा।
जवाब- यात्रा के दौरान भाजपा ने इसका विरोध किया, कंटेनर के बारे में कहा-हम एसी में सो रहे हैं, लेकिन मैं उनको बताना चाहती हूं कि एक-एक कंटेनर में 4 से लेकर 12 लोग आराम करते रहे। इस यात्रा में हम 30 महिलाएं हैं और तीन बाथरूम। फिर भी आपसी मेलजोल के चलते यात्रा आसान लग रही है। खास बात यह रही कि मेरे साथ कंटेनर में रहने वाली महिलाओं में एक तेलंगाना, एक उत्तर प्रदेश, एक हिमाचल तो मैं मध्यप्रदेश से हूं, लेकिन आपसी एक जुटता से कभी भेदभाव नहीं लगा।
मुकेश परमार से चर्चा के कुछ अंश

भारत यात्रा जोड़ो यात्रा में कन्याकुमारी से भारत यात्रा में शामिल हूं। कन्याकुमारी से तिरुअनंतपुरम, कोजीकोड़े और आंद्रप्रदेश तक चला इसके बाद घर से मेरी माताजी की तबीयत बिगडऩे का समाचार मिला तो उनके ईलाज के लिए चला आया। अब फिर से यात्रा में शामिल हो रहा हूं। यात्रा में चलते वक्त मुझमें काफी उत्सुकता एवं एनर्जी रही। इस यात्रा का भारत यात्री बनना मेरे लिए एक सौभाग्य की बात है। यात्रा में शामिल होकर अद्भुत लगा कि राहुल गांधी एक छोटे से कार्यकर्ता को भी इतना बड़ा मौका दे सकते हैं। यात्रा के दौरान मैंने देखा कि राहुल ने पिछली पंक्ति में बैठे व्यक्ति, कार्यकर्ताओं को भी तवज्जो दी।

Hindi News/ Ujjain / भारत जोड़ो बड़े बदलाव की यात्रा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो