नागदा. 70 दिनों से अंधेरे में रहने को मजबूर आदर्श ग्राम भीलसुड़ा की महिलाओं का गुस्सा मंगलवार सुबह 11.30 बजे फूटा। गुस्साई महिलाएं ग्रामीणों के साथ चौपाल सागर स्थित विविकं के कार्यालय पर हल्ला बोलने पहुंची। 150 की संख्या में पहुंची महिलाओं ने विविकं के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे तक लगाए। इतना ही नहीं महिलाओं […]
नागदा. 70 दिनों से अंधेरे में रहने को मजबूर आदर्श ग्राम भीलसुड़ा की महिलाओं का गुस्सा मंगलवार सुबह 11.30 बजे फूटा। गुस्साई महिलाएं ग्रामीणों के साथ चौपाल सागर स्थित विविकं के कार्यालय पर हल्ला बोलने पहुंची। 150 की संख्या में पहुंची महिलाओं ने विविकं के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे तक लगाए। इतना ही नहीं महिलाओं ने विविकं के कार्यपालन यंत्री बीएल गुजराती के मुंह पर चूडिय़ां फेंक साड़ी पहनाने की कोशिश की। करीब 2 घंटे तक चले हाईवोल्टेज ड्रामे का अंत 7 दिनों की मोहल्लत के बाद शांत हुआ।
दरअसल बीते 70 दिनों से ग्राम भीलसुड़ा के ग्रामीण अंधेरे में गुजर बसर कर रहे हैं। कारण ग्राम में मौजूद 3 ट्रांसफॉर्मर में से 2 का खराब हो जाना है। ट्रांसफॉर्मर खराब होने व ग्रामीणों द्वारा बिलों का भुगतान नहीं किए जाने के कारण ग्राम में विद्युत प्रदाय रोक दिया गया है। दूसरी ओर ग्रामीणों का तर्क है, गांव के लोगों द्वारा समय-समय पर बिलों का भुगतान किया जाता है। बावजूद इसके ग्राम की विद्युत सप्लाय रोक दी गई है। ग्रामीणों के पास बिलों के भुगतान की रसीद भी है।
मुंह पर फेंकी चूडिय़ां: दो घंटे चले हाईवोल्टेज ड्रामा में कार्यपालन यंत्री बीएल गुजराती को उस दौरान शर्मिंदा होना पड़ा, जब मुहिलाओं ने उनके मुंह चुडिय़ा फेंक दी। महिलाओं का आक्रोश इतना अधिक था, कि महिलाएं गुजराती को साड़ी तक पहनाने की कोशिश करने लगी। हालांकि महिलाओं को साड़ी पहनाने की प्रक्रिया में सफलता हाथ नहीं लग सकी। विरोध के दौरान मौके पर किसी प्रकार का पुलिस बल मौजूद नहीं रहा। जिसके चलते विविकं के अधिकारियों को कमरे में ही बंद रहना पड़ा। विरोध के दौरान कार्यपालन यंत्री का एक ही तर्क रहा ग्रामीण नहीं जमा करते विद्युत बिलों की राशि, जिसके प्रतिउत्तर में ग्रामीणों ने आश्वासन दिया, कि यदि कंपनी के कर्मचारियों को बिलों के भुगतान में किसी प्रकार की परेशानी आए तो उसके लिए हमें जिम्मोदार रहेंगे।
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