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मिड-डे-मिल घोटाला मामले में वितरक का लाइसेंस निलंबित, मिलीभगत की जांच शुरू

locationउदयपुरPublished: Dec 21, 2018 01:55:46 pm

Submitted by:

Dhirendra

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धीरेन्द्र जोशी/उदयपुर. बच्चों के पोषाहार के लिए स्कूलों में वितरित गेहूं व चावल की मात्रा में गड़बड़ी कर उसे बाजार में बेचने के मामले में जिला रसद अधिकारी ने संबंधित वितरक थोक विक्रेता क्रय-विक्रय सहकारी समिति झाड़ोल का प्राधिकार पत्र निलंबित कर दिया है। उदयपुर क्रय विक्रय समिति को आगामी निर्देश तक कार्य सौंपा गया है, वहीं जब्त सामग्री व जांच के लिए समिति का गठन किया गया है। अब पूरे जिले में आकस्मिक जांच की जाएगी। संस्था प्रधानों को भी पाबंद किया गया है कि कम खाद्यान्न लेकर पूरी रसीद दी तो खैर नहीं। पोषाहार की सामग्री कम मात्रा में वितरित करने और बाजार में बेचने की शिकायत पर बुधवार को एसडीएम ने कार्रवाई की तो गोदाम में रखे गेहूं और चावल के पैकेट में सामग्री कम पाई गई। अधिकारियों ने वितरक से आवश्यक दस्तावेज मांगे पर वह उपलब्ध नहीं करवा पाया और न ही संतोषप्रद जवाब दे सका। प्रथमदृष्टया पोषाहार की सामग्री को गुजरात भेजने की जानकारी सामने आई। इस पर मौजूद वाहन को भी जब्त कर लिया गया। गुरुवार को इस मामले में जिला रसद अधिकारी गितेश मालवीया ने वितरक का लाइसेंस आगामी निर्देश तक निलंबित कर दिया है। 14 दिसम्बर को बता दिया गत दिनों जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक सुशीला नागौरी ने कोटड़ा, झाड़ोल, गोगुंदा के कई स्कूलों को निरीक्षण किया था। इस दौरान यह शिकायत सामने आई कि पोषाहार वितरित करने वाली समिति की ओर से पोषाहार कम दिया जा रहा है। कुछ संस्था प्रधानों की शिकायत के बाद जिला शिक्षाधिकारी ने 14 दिसम्बर को कार्रवाई के लिए जिला रसद अधिकारी को पत्र लिखा। इस पर रसद अधिकारी ने उपखंड अधिकारी मार्फत कार्रवाई को अंजाम दिया।अब दो समितियों के भरोसे वितरणअब तक रसद विभाग के जरिए तीन समितियां संजीवन क्रय-विक्रय समिति फतहनगर, उदयपुर क्रय-विक्रय समिति, क्रय-विक्रय सहकारी समिति झाड़ोल यह कार्य कर रही थी। गुरुवार की कार्रवाई के बाद झाड़ोल का काम उदयपुर क्रय विक्रय समिति को सौंपा गया।
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यहां भी होती है गड़बड़ीकम समितियां होने के कारण हजारों टन पोषाहार प्रत्येक समिति के भरोसे वितरित होता है। इधर अधिकतर स्कूलों के पास तौलने के संसाधन नहीं हैं। वहीं कम तौल का खाद्यान लेकर पूरी रसीद थमा देना भी मिलीभगत की ओर इशारा करता है। जिले में 3907 स्कूलों में त्रैमासिक 1500 से 2000 टन गेहूं और चावल पोषाहार के लिए सप्लाई होता है।
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