जनजाति क्षेेत्र से आए पशुपालकोंं को उदयपुर के इस महाविद्यालय में किया प्रशिक्षित
उदयपुरPublished: Feb 27, 2019 02:54:07 pm
पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान महाविद्यालय नवानिया में पशु पालकोंं का प्रशिक्षण व संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित
20 साल से वह रह रहा था अपने ससुराल में, अचानक हुआ कुछ ऐसा कि पीट-पीट कर मार डाला ससुर को..
हेमन्त गगन आमेटा/ भटेवर. पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय नवनिया (उदयपुर) में मंगलवार को जनजाति क्षेत्र के लगभग 50 अनुसूचित जनजाति के भेड़ पालकों का प्रशिक्षण एवं संगोष्ठी का आयोजन मेगा शीप सीड परियोजना सोनाड़ी यूनिट नवनिया एवं मारवाड़ी भेड़ परियोजना बीकानेर के संयुक्त तत्वाधान में सपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर मालपुरा (टोंक) के निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर एवं विशिष्ट अतिथि मारवाड़ी भेड़ परियोजना के प्रभारी डॉ. हरविंदर नरूला थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यवाहक अधिष्ठाता डॉ. शिव कुमार शर्मा ने की। डॉ. तोमर ने अपने उद्बोधन में पशु पालकों को भेड़ पालन के महत्व पर प्रकाश डाला एवं जनजाति उपयोजना के अंतर्गत भेड़ पालन से सम्बंधित आवश्यक सामग्री का निशुल्क वितरण किया। इससे पूर्व उन्होंने भेड़ पालकों को परंपरागत कृषि एवं पशुपालन के साथ नवीन तकनीक का उपयोग कर अपनी आय दूगनी करने के उपाय हेतु प्रयासरत रहने एवं पशुओं से मानवीय व आत्मीय व्ययवहार करने पर जोर दिया। डॉ. हरविंदर नरूला ने आनुवंशिक सुधार में उन्नत मेढ़े (नर भेड़) के महत्व के बारे में बताया। कार्यक्रम संयोजक सोनाड़ी भेड़ परियोजना अधिकारी डॉ. विष्णु कुमार के निर्देशन में चल रही जनजाति उप योजना में सलूम्बर एवं लसाडिय़ा के किसानो को उन्नत भेड़ पालन से किसान की आमदनी बढ़ाने के बारे में विस्तार से बताया गया। कार्यक्रम में डॉ. आशीष चोपड़ा, डॉ. चंदन गुप्ता, सोनाड़ी परियोजना के उप प्रभारी डॉ. सुनील कुमार, सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. सुरेंद्र सिंह शेखावत, डॉ. एम एल गुर्जर, डॉ. चंद्र शेखर सारस्वत भी मौजूद थे।