जनहित याचिका में ये बताई कमियां
एलिवेटेड रोड में रोड कांग्रेस के नियमों व प्रावधानों की अनदेखी की जा रही है। इसका डिजाइन भी तकनीकी दृष्टि से दोषपूर्ण है, जिससे पब्लिक सैफ्टी को लेकर सवाल उठ खडे़ हुए हैं। यही नहीं, इसमें फुटपाथ भी नहीं है तथा सर्विस लेन के लिए भी जगह बहुत कम है।
एलिवेटेड रोड में रोड कांग्रेस के नियमों व प्रावधानों की अनदेखी की जा रही है। इसका डिजाइन भी तकनीकी दृष्टि से दोषपूर्ण है, जिससे पब्लिक सैफ्टी को लेकर सवाल उठ खडे़ हुए हैं। यही नहीं, इसमें फुटपाथ भी नहीं है तथा सर्विस लेन के लिए भी जगह बहुत कम है।
एलिवेटेड की प्रमुख बातें
– उदियापोल से लेकर कोर्ट चौराहा तक करीब १३० करोड़ रुपए की लागत से 1.650 किमी लम्बे 4 लेन एलिवेटेड रोड बनना प्रस्तावित है।
– एलिवेटेड रोड के टेंडर में इसका समय दो साल और कम्पनी ने पूरा करने के लिए तीन साल यानी वर्ष 2021 का समय रखा है।
– एलिवेटेड रोड की डीपीआर बनाने वाली कंसलटेंट एजेंसी की डीपीआर में कई तकनीकी सवाल खड़े किए गए है।
– उदियापोल से कोर्ट चौराहा तक 4 शार्प कर्व आ रहे हैं। एनएचआई ने फरवरी 2017 को पेश की गई रिपोर्ट में भी इस प्रोजेक्ट को अनुपयोगी बताया गया है।
– उदियापोल से लेकर कोर्ट चौराहा तक करीब १३० करोड़ रुपए की लागत से 1.650 किमी लम्बे 4 लेन एलिवेटेड रोड बनना प्रस्तावित है।
– एलिवेटेड रोड के टेंडर में इसका समय दो साल और कम्पनी ने पूरा करने के लिए तीन साल यानी वर्ष 2021 का समय रखा है।
– एलिवेटेड रोड की डीपीआर बनाने वाली कंसलटेंट एजेंसी की डीपीआर में कई तकनीकी सवाल खड़े किए गए है।
– उदियापोल से कोर्ट चौराहा तक 4 शार्प कर्व आ रहे हैं। एनएचआई ने फरवरी 2017 को पेश की गई रिपोर्ट में भी इस प्रोजेक्ट को अनुपयोगी बताया गया है।