निदेशक लईक हुसैन ने बताया कि अंग्रेजी और हिन्दी भाषा में मंचित रूस के प्रसिद्ध लेखक अयान रन्द के ‘द नाईट ऑफ 16 जनवरी’ का भारतीय रूपांतरण में इस नाटक (drama) की कहानी भारत के सबसे बड़े व्यवसायी, जगराज आनंद की अचानक मृत्यु के पीछे की कहानी के रहस्य की दास्तां है।
दरअसल, यह नाटक केवल अदालत की कार्यवाही मात्र नहीं है अपितु, जीवन के कुछ शाश्वत मूल्यों और प्रतिबद्धता के साथ आधुनिक पूंजीवादी समाज में पैसे कमाने की होड़ में बिखरते रिश्तों के धागों को भी रेखांकित करता है। नाटक का कोई निश्चित अंत प्रस्तुत नहीं होता अपितु दर्शकों की स्वतंत्र जूरी पर छोड़ दिया जाता है, जिसका अंत दर्शकों की उत्सुकता और रोमांच को शिखर तक ले जाता है।
नाटक में चिराग बालानी, अंश त्यागी, रविराज शुक्ल,तन्मय थरेजा, अंकित, संस्कार बंसल, भाव्ये मल्होत्रा, मनन, आकाश बाहरी, भव्य भारद्वाज, आशुतोष मिश्र, कृतिका कौशिक, सौम्य गोयल, अनिषा बांटिया, अभिप्रीत आदि ने अपने किरदारों को प्रभावी ढग़ से जीया।