पीएसआरआई हार्ट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली के चेयरमैन डॉ. टी.एस. क्लेर ने हाई एंड पेसमेकर की अत्याधुनिक तकनीक के बारे में बताते हुए कहा कि हार्ट फेल्योर के दौरान यह बहुउपयोगी साबित होता है। नई तकनीक के पेसमेकर छोटे और बहुउपयोगी होते है। कॉन्फ्रेंस में होली फैमेली हॉस्पिटल, गुडग़ांव के चेयरमैन एवं इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रवीण चंद्रा ने आधुनिक तकनीक के वॉल्व के प्रत्यारोपण पर चर्चा की। डॉ. राहुल मेहरोत्रा ने इको कार्डियोग्राफी की हार्ट अटैक में उपयोगिता बताते हुए कहा कि इससे ब्लॉकेज की स्थिति का पता चलना आसान होता है और हृदय की स्थिति का पता चलता है। संरक्षक डॉ. एसके कौशिक, डॉ. कपिल भार्गव और डॉ. मुकेश शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए।
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हृदयघात में नम्बर वन
डॉ उपेन्द्र कौल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कम उम्र के लोगों में हृदयाघात की समस्या लाइफ स्टाइल बदलने से सामने आ रही है। दक्षिण एशिया में खून सहित कई शारीरिक कारण है जिससे हृदयाघात की समस्या ज्यादा होती है। भाग दौड़, फास्ट फूड खाने सहित कई कारणों से यह समस्या बढ़ती जाती है। गांवों में यह परेशानी कम हैं। डायबिटिज, उच्च रक्तचाप भी इसके प्रमुख कारण हैं। डॉ टी प्रभाकर कम उम्र के लोगों में हृदय रोग पर काम कर रहे हैं। उन्होंने एप तैयार किया है ताकि इसे नियंत्रित किया जा सकता है। कौल ने कहा कि हम जल्द ही इस हृदयाघात में पूरी दुनिया में एक नम्बर पर आने वाले हैं। चीन दूसरे स्थान पर हैं। सिगरेट पीने, प्रदूषण, हाई कॉलेस्ट्राल के कारण यह समस्या बढ़ रही है। नैनो पार्टिकल हमारे शरीर में जाते हैं और फेफड़े इसे छान नहीं पाते जिससे यह बीमारी लगातार पैर पसार रही है। वर्तमान में देश में पांच करोड़ हृदय की बीमारी के मरीज हैं।
हृदयघात में नम्बर वन
डॉ उपेन्द्र कौल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कम उम्र के लोगों में हृदयाघात की समस्या लाइफ स्टाइल बदलने से सामने आ रही है। दक्षिण एशिया में खून सहित कई शारीरिक कारण है जिससे हृदयाघात की समस्या ज्यादा होती है। भाग दौड़, फास्ट फूड खाने सहित कई कारणों से यह समस्या बढ़ती जाती है। गांवों में यह परेशानी कम हैं। डायबिटिज, उच्च रक्तचाप भी इसके प्रमुख कारण हैं। डॉ टी प्रभाकर कम उम्र के लोगों में हृदय रोग पर काम कर रहे हैं। उन्होंने एप तैयार किया है ताकि इसे नियंत्रित किया जा सकता है। कौल ने कहा कि हम जल्द ही इस हृदयाघात में पूरी दुनिया में एक नम्बर पर आने वाले हैं। चीन दूसरे स्थान पर हैं। सिगरेट पीने, प्रदूषण, हाई कॉलेस्ट्राल के कारण यह समस्या बढ़ रही है। नैनो पार्टिकल हमारे शरीर में जाते हैं और फेफड़े इसे छान नहीं पाते जिससे यह बीमारी लगातार पैर पसार रही है। वर्तमान में देश में पांच करोड़ हृदय की बीमारी के मरीज हैं।
तीन अटैक एक भ्रम
हृदयाघात के तीन स्टेज जो हमेशा बताए जाते हैं, वह एक भ्रांति हैं। इसमें ऐसा नहीं है कि तीसरे अटैक पर मौत हो जाती है, यह गलत है। ध्वनि प्रदूषण खतरा
डॉ ब्रायन पुंटो ने बताया कि 35 प्रतिशत लोग अचानक हृदयाघात का शिकार हो जाते हैं। पुंटो ने बताया कि अनुमानत: देश में करीब 1.72 मिलियन लोग अचानक हृदयाघात से मरते हैं। उन्होंने कहा कि हमें पूरी नींद लेना भी जरूरी है, ताकि शरीर को पूरा आराम मिले। नैनो पार्टिकल के साथ ही ध्वनि प्रदूषण भी इसका मुख्य कारण हैं। लगातार तनाव बढऩे से भी ये बीमारी बढ़ रही है।
हृदयाघात के तीन स्टेज जो हमेशा बताए जाते हैं, वह एक भ्रांति हैं। इसमें ऐसा नहीं है कि तीसरे अटैक पर मौत हो जाती है, यह गलत है। ध्वनि प्रदूषण खतरा
डॉ ब्रायन पुंटो ने बताया कि 35 प्रतिशत लोग अचानक हृदयाघात का शिकार हो जाते हैं। पुंटो ने बताया कि अनुमानत: देश में करीब 1.72 मिलियन लोग अचानक हृदयाघात से मरते हैं। उन्होंने कहा कि हमें पूरी नींद लेना भी जरूरी है, ताकि शरीर को पूरा आराम मिले। नैनो पार्टिकल के साथ ही ध्वनि प्रदूषण भी इसका मुख्य कारण हैं। लगातार तनाव बढऩे से भी ये बीमारी बढ़ रही है।