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सिद्ध चक्र महामंडल विधान में जुटा समाज

locationउदयपुरPublished: May 22, 2019 11:26:12 pm

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

जैन समाज के धार्मिक आयोजनों में जुटी भीड़

udaipur

सिद्ध चक्र महामंडल विधान में जुटा समाज

उदयपुर. शांतिनाथ दिगंबर जिन मंदिर हिरण मगरी सेक्टर 11 में बुधवार को सिद्ध चक्र महामंडल विधान का शुभारंभ हुआ। प्रचार संयोजक राजराजेश्वर जैन ने बताया कि कार्यक्रम प्रतिष्ठा आचार्य पं. जगदीश चंद्र शास्त्री दिल्ली, पं. रजनी दोषी हिम्मतनगर, पं. खेमचंद जैन, डॉ. महावीर प्रसाद जैन, डॉ. जिनेंद्र शास्त्री, पं. प्रक्षाल शास्त्री, पं. निलेश शास्त्री, पं. गजेंद्र शास्त्री, पं. तपीश शास्त्री के निर्देशन में हुआ। सुबह कार्यक्रम का शुभारंभ पूजन प्रक्षाल पश्चात किया गया। बाद में इंद्र प्रतिष्ठा एवं मंगल कलश विधि का आयोजन हुआ। जुलूस संयोजक नृपेन्द्र जैन ने बताया कि शोभायात्रा निकाली गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज अध्यक्ष ताराचंद जैन ने की। बतौर अतिथि माणकलाल ठाकुर्डिया, कचरूलाल मेहता, राजकुमार भोरावत, चंदनमल, जसवंत दोषी मौजूद थे। शाम के समय प्रवचन में समाजजनों ने हिस्सा लिया।

शिविरार्थी ले रहे हैं धर्म प्रशिक्षण
दिगम्बर जैन महासमिति, महिला संभाग व दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान, सांगानेर की ओर से नेमिनाथ मंदिर एनेमिनाथ कालोनी में चल रहे सर्वोदय सम्यकज्ञान शिक्षण शिविर के चौथे दिन बुधवार को छह कक्षाओं में कुल 220 शिविरार्थियों ने उत्साह से भक्तामर, तत्वार्थ सूत्र, रत्नकरण्ड श्रावकाचार, छहढाला, प्रवचनसार, प्राकृत, इष्टोपदेश, बाल .बोध एवं अन्य का प्रशिक्षण लिया। 26 मई तक प्रस्तावित शिविर में शिविरार्थियों के लिए बहुत सी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं।
हैवान नहीं भगवान बनें
अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी शान्त-क्रान्ति जैन युवा संघ के तत्वावधान में चल रहे राष्ट्रीय आवासीय चारित्र निर्माण शिविर में बुधवार को महासती चित्राश्री ने बच्चों में संस्कारों की अलख जगाते हुए कहा कि बच्चों में भगवान होते हैं और इन बच्चों को अच्छे एवं सच्चा इंसान बनाने का यह शिविर बहुत बड़ा प्रयास है। संस्कारों से इंसान भगवान भी बन सकता है। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश सामर ने बताया कि शिविर में बच्चों की ध्यान प्रतियोगिता के माध्यम से मन को शांत, चित्त, स्थिर बनाना सीखा एवं प्रभु महावीर के जीवन चारित्र पर आधारित प्रतियोगिता में बच्चों ने जीवन के आदर्श को समझा और सीखा।
धार्मिक संस्कार शिविर का शुभारंभ
जैनाचार्य देवेन्द्र महिला संस्थान की ओर से देवेन्द्र धाम मॉर्डन कॉम्पलेक्स में बुधवार को 12 दिवसीय धार्मिक संस्कार शिविर का शुभारंभ हुआ। शिविर में एक सौ विद्यार्थियों ने उपस्थिति दी। संस्थान अध्यक्ष डॉ. सुधा भण्डारी ने बताया कि शिविर के प्रथम दिन बच्चों ने स्वस्थ रहने के लिए योग, ध्यान योग, प्राणायाम, योगासन सिखाया गया। ममता रांका की उपस्थिति में अन्य प्रशिक्षकों ने विषयवार विद्यार्थियों को आवश्यक जानकारी दी।
माता-पिता का उपकार चुकाना मुश्किल
मंदिर में वो भगवान हैं जिसे हमने बनाया है। घर में मां-बाप वो भगवान है जिन्होंने हमें बनाया है। उक्त विचार आचार्य ज्ञानचंद्र ने सुंदरवास स्थित निज आवास में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि जिनके घर में मां-बाप दु:खी है तो समझ लेना उसकी पुण्यवाणी रूठी हुई है। जिस घर से मां-बाप निकाल दिए जाते हैं उस घर की स्थिति बिना आत्मा के शरीर जैसी है। माता-पिता का आशीर्वाद कठिन से कठिन परिस्थितियों से बाहर निकाल देता है। माता-पिता की सेवा करने वाले श्रवण कुमार का नाम इतिहास में अमर हो गया। आगम में वर्णन आया है कि तीन लोगों का उपकार चुकाना बहुत मुश्किल है-माता-पिता, गुरु और मालिक।

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