साफ पानी में डेंगू
वैज्ञानिक शोधों के अनुसार डेंगू का मच्छर साफ पानी में लार्वा के माध्यम से वंशवृद्धि करता है। फ्लावर पोट, टायर, कांच की बोतल, कूलर के पानी में कहीं भी इसकी उपस्थिति रहती है। मच्छर पर काले-सफेद डोट के कारण इसे ‘टाइगर मोस्क्यूटोÓ भी कहा जाता है। खास बात यह है कि यह मच्छर लोगों को दिन में ही काटते हैं। रात में बंद कमरे में भी इन मच्छरों को काटने के लिए लाइट की रोशनी जरूरी होती है।
वैज्ञानिक शोधों के अनुसार डेंगू का मच्छर साफ पानी में लार्वा के माध्यम से वंशवृद्धि करता है। फ्लावर पोट, टायर, कांच की बोतल, कूलर के पानी में कहीं भी इसकी उपस्थिति रहती है। मच्छर पर काले-सफेद डोट के कारण इसे ‘टाइगर मोस्क्यूटोÓ भी कहा जाता है। खास बात यह है कि यह मच्छर लोगों को दिन में ही काटते हैं। रात में बंद कमरे में भी इन मच्छरों को काटने के लिए लाइट की रोशनी जरूरी होती है।
कहते हैं आंकड़े
जनवरी 2015 से अब तक उदयपुर संभाग में अब तक 137 लोगों को डेंगू रोग हुआ है। इसमें भी दिसम्बर 2017 तक इन रोगियों की संख्या 97 थी, जबकि जनवरी 2018 से अब तक 40 रोगियों को चिन्हित किया गया है। ग्राफ में एकाएक हुई वृद्धि को देखते हुए विभाग ने क्रोस वेरीफिकेशन का मार्ग चुना है।
जनवरी 2015 से अब तक उदयपुर संभाग में अब तक 137 लोगों को डेंगू रोग हुआ है। इसमें भी दिसम्बर 2017 तक इन रोगियों की संख्या 97 थी, जबकि जनवरी 2018 से अब तक 40 रोगियों को चिन्हित किया गया है। ग्राफ में एकाएक हुई वृद्धि को देखते हुए विभाग ने क्रोस वेरीफिकेशन का मार्ग चुना है।
READ MORE : झपट्टा मार मोबाइल चोर गिरफ्तार,19 वारदातें कबूली…तीन आरोपी अभी फरार चित्तौडग़ढ़ डेंगू जोन
(जनवरी 2018 से अब तक)
जिले का नाम चिन्हित डेंगू रोगी
चित्तौडग़ढ़ 29
उदयपुर 07
डूंगरपुर 02
राजसमंद 01
बांसवाड़ा 01
प्रतापगढ़ 00 सावधानी है जरूरी
मौसमी बीमारियों को लेकर विभाग में अलर्ट जारी किया हुआ है। विभागीय कार्मिकों की जिम्मेदारी तय करने के लिए क्रोस वेरीफिकेशन लागू किया है।
डॉ. ए.एन. माथुर, संयुक्त निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग
(जनवरी 2018 से अब तक)
जिले का नाम चिन्हित डेंगू रोगी
चित्तौडग़ढ़ 29
उदयपुर 07
डूंगरपुर 02
राजसमंद 01
बांसवाड़ा 01
प्रतापगढ़ 00 सावधानी है जरूरी
मौसमी बीमारियों को लेकर विभाग में अलर्ट जारी किया हुआ है। विभागीय कार्मिकों की जिम्मेदारी तय करने के लिए क्रोस वेरीफिकेशन लागू किया है।
डॉ. ए.एन. माथुर, संयुक्त निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग