गुलाल अबीर उड़ाते हुए खुशी से झूमते ग्रामीण विद्यालय पहुंचे जहां सभा में तब्दील होकर जिला प्रमुख ने कहा कि गांव के विकास के लिए कोई कमी नहीं आएगी तथा स्कूल को प्रमाणित करने के लिए जयपुर जाकर मंत्री से मिलकर काम करवाया। ग्रामीणों का जोश और आंदोलन को देखते हुए उनकी वाजिब मांग पूरी करना एक जनप्रतिनिधि का हक था। ग्रामीणों ने जिला प्रमुख को कंधों पर उठाते हुए खूब जयकारे लगाए और साफा पहनाकर सभी अतिथियों का भी स्वागत किया गया। इस दौरान ग्रामीणों ने और आंदोलन के अगुआ तथा स्वयं जिला प्रमुख ने राजस्थान पत्रिका के सराहनीय सहयोग पर धन्यवाद देते हुए कहा कि वाजिब मांग के लिए पत्रिका एक सहयोगी है।
READ MORE : राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए उदयपुर में किए गए हैं ये खास इंतजाम और कड़े बंदोबस्त.. इस अवसर पर जिला प्रमुख ने गांव में घोषणाओं का अंबार लगा दिया और लोगों को दिवाली का त्यौहार मनाने पर मजबूर कर दिया। सबसे ज्यादा जुलूस में महिलाएं एवं बालिकाएं शामिल रहे उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा क्योंकि अब उनकी बेटियां गांव में ही दसवीं तक अध्ययन करेंगी। इस दौरान मंडल अध्यक्ष गंगा राम डांगी महामंत्री संग्राम सिंह नरेंद्र सिंह वालाराम पटेल डीईओ महिपाल सिंह राठौर सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे। आपको बता दें कि ग्रामीण इस विद्यालय को क्रमोन्नत की मांग को लेकर नए सत्र के प्रारंभ होने से 23 दिनों से आंदोलनरत हैं और एक भी बच्चे को स्कूल नहीं भेज रहे थे। ग्रामीणों की इस मांग को राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से उजागर करते हुए एक अभियान के रूप में समाचार प्रकाशित किए। ग्रामीणों ने गांव में रैली निकाली, तालाबंदी की प्रदर्शन किया, दूध योजना का बहिष्कार किया, महादेव मंदिर में सद्बुद्धि यज्ञ किया।