—- ये हैं आदेश – प्रत्येक रेजिडेंट्स को अपनी यूनिट में समान रूप से समय बांट कर काम करना होगा। कोई भी रेजिडेंट्स खाली नहीं रहेगा तो किसी को भी आश्वयकता से अधिक काम नहीं दिया जा सकेगा।
– सभी को अनिवार्य रूप से साप्ताहिक अवकाश भी दिया जाएगा। – फै कल्टी असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, और प्रोफेसर्स भी नियमानुसार 24 गुणा 7 समय के आधार पर रेजिडेंट्स की मदद के लिए हॉस्पिटल में रहेंगे। तीनों पदों में से एक को अनिवार्य रूप से मौजूद रहना ही होगा। इससे रेजिडेंट्स को मार्गदर्शन भी मिलता रहेगा।
– रेजिडेंट्स के लिए समय-समय पर काउंसलिंग कक्षाएं चलानी होंगी। इसमें खास तौर पर कम्यूनिकेशन स्कील्स और एथिकल प्रेक्टिस पर फोकस रहेगा। – ड्यूटी रूम पूरी तरह से साफ-सफाई वाला रखा जाएगा। ताकि किसी भी रेजिडेंट्स को परेशानी नहीं हो। सभी वार्डो में जरूरी सुविधाएं उन्हें मुहैया करवानी होगी।
– किसी भी मरीज के साथ एक से अधिक परिजन मौजूद नहीं रहेगा। किसी भी परिजन व विजिटर का प्रवेश केवल पास के माध्यम से हो सकेगा। – प्रत्येक वार्ड में सीसीटीवी कैमरा रहेगा, जिसमें रिकॉर्डिंग नियमित जारी रहेगी।
—– पत्रिका ने उठाया था मामला रेजिडेंट्स चिकित्सकों को साप्ताहिक अवकाश समय पर नहीं देने का मामला पत्रिका ने उठाया था, इसे लेकर प्राचार्य डॉ डीपी सिंह ने आदेश जारी कर रेजिडेंट्स को अनिवार्य साप्ताहिक अवकाश देने का निर्णय लिया था।
ताकि न हो मरीजों को परेशान सरकार की ओर से जारी आदेशों की पालना कर रहे हैं। प्रयास करेंगे कि काम कर रहे रेजिडेंट्स भी सुविधाओं के साथ लोगों का बेहतर उपचार करें, ताकि मरीजों को परेशानी न हो।
डॉ लाखन पोसवाल, अधीक्षक, महाराणा भूपाल हॉस्पिटल उदयपुर