तालाब को लेकर ना तो जलसंसाधन विभाग जिम्मेदारी ले रहा है और ना ही ग्राम पंचायत। तालाब खातेदारी जमीन पर होने की बात कही जा रही है। ग्राम पंचायत ने अपने स्तर पर पाल मरम्मत करने का काम करवाया था, लेकिन तेज बारिश और पानी के बहाव के चलते तालाब गेट के पास से फूट गया।
अचानक पानी आने से गांव में अफरा-तफरी मच गई। रात को सोये लोगों ने सुबह उठते ही देखा तो पूरे गांव में पानी भरा था। एक मकान में दरार पड़ गई। कई घरों के साथ पटवार मण्डल, अस्पताल, दूध डेयरी भवनों में पानी घुस गया। सूचना पर उपखंड अधिकारी शीलावती मीणा, तहसीलदार डायालाल डामोर, विकास अधिकारी सहित ब्लॉक के अधिकारी गांव में पहुंचे। लोगों को हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया। उपखण्ड अधिकारी मीणा ने बताया कि प्रशासन मुस्तैद है। अवरोध हटाकर पानी निकाला जा रहा है।
अचानक पानी आने से गांव में अफरा-तफरी मच गई। रात को सोये लोगों ने सुबह उठते ही देखा तो पूरे गांव में पानी भरा था। एक मकान में दरार पड़ गई। कई घरों के साथ पटवार मण्डल, अस्पताल, दूध डेयरी भवनों में पानी घुस गया। सूचना पर उपखंड अधिकारी शीलावती मीणा, तहसीलदार डायालाल डामोर, विकास अधिकारी सहित ब्लॉक के अधिकारी गांव में पहुंचे। लोगों को हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया। उपखण्ड अधिकारी मीणा ने बताया कि प्रशासन मुस्तैद है। अवरोध हटाकर पानी निकाला जा रहा है।
इधर, क्षेत्र के नदी नालों में पानी की आवक बढ़ती जा रही है। गोमती नदी वेग पर बह रही है। क्षेत्र के केजड़, सेमारी, चावंड, सुरखंडखेड़ा, हरचरण सहित सभी तलाब लगभग लबालब हो चुके हैं।