पुलिस व ग्रामीणों ने बताया कि पूंजी बाई की बेटी पुठोली (चित्तौडग़ढ़) निवासी शांति पत्नी पृथ्वीराज लम्बे समय से मां के साथ रह रही है। रक्षाबंधन को लेकर रिश्तेदार घर पहुंचे तो पता चला कि मां पूंजीबाई को तीन दिन से बंद कर रखा है। उसे खाना-पानी भी नहीं मिला, जिससे वृद्धा मरणासन्न स्थिति में पहुंच गई। बात कुछ ही देर में पूरे गांव में फैल गई। लोगों की भीड़ जमा होने लगी। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। कुराबड़ थानाधिकारी मोतीलाल चारण के निर्देशानुसार झामर कोटड़ा चौकी प्रभारी सुखदेव गुर्जर मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों की भीड़ के बीच मकान में मौजूद पूंजीबाई की बेटी शांति को आवाज लगाई गई। दरवाजा नहीं खोलने पर पुलिस व ग्रामीणों ने दरवाजा तोड़ दिया। वृद्धा पूंजी बाई बेसुध मिली। घर में प्रवेश करने पर बेटी शांति झगड़े पर उतारू हो गई।
पुलिस ने समझाइश कर वृद्धा के पोते भैरुलाल और अंबालाल को अस्पताल पहुंचाने को कहा। पोतों का कहना है कि पूंजीबाई की संपत्ति के हक को लेकर मामला न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में पोतों को पूंजीबाई की सेवा सुश्रुषा करने से भी दूर रखा जा रहा है। ऐसे में वे अस्पताल नहीं ले जा सकते। पुलिस और ग्रामीणों के दबाव के चलते आखिर रात 2 बजे शांति का बेटा रात 2 बजे पुठोली से जगत पहुंचा और वृद्धा को अस्पताल ले गया। वृद्धा उदयपुर के अस्पताल में उपचाररत है।
पुलिस ने समझाइश कर वृद्धा के पोते भैरुलाल और अंबालाल को अस्पताल पहुंचाने को कहा। पोतों का कहना है कि पूंजीबाई की संपत्ति के हक को लेकर मामला न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में पोतों को पूंजीबाई की सेवा सुश्रुषा करने से भी दूर रखा जा रहा है। ऐसे में वे अस्पताल नहीं ले जा सकते। पुलिस और ग्रामीणों के दबाव के चलते आखिर रात 2 बजे शांति का बेटा रात 2 बजे पुठोली से जगत पहुंचा और वृद्धा को अस्पताल ले गया। वृद्धा उदयपुर के अस्पताल में उपचाररत है।