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उदयपुर

अब अगले दो माह में आखातीज का एक ही अबूझ मुहूर्त, गुरु और शुक्र अस्त रहेंगे अस्त

इस माह में कई बड़े व्रत, पर्व रहेंगे। साथ ही अक्षय तृतीया (10 मई) और बुद्ध पूर्णिमा (23 मई) जैसे बड़े व्रत-पर्व आएंगे। वहीं, अगले दो माह तारा अस्त होने के कारण विवाह मुहूर्त भी नहीं होंगे। केवल आखातीज का एक ही अबूझ मुहूर्त इस दौरान होगा।

उदयपुरApr 27, 2024 / 06:51 pm

surendra rao

marrige

उदयपुर. भगवान नारायण को अत्यंत प्रिय वैशाख माह की शुरुआत हो चुकी है। स्कंद पुराण में वैशाख माह को पुण्यार्जन मास की संज्ञा देते हुए ‘माधव मास’ कहा गया है। इस महीने में जप, तप, दान करना बहुत फलदायी माना गया है। इस माह में कई बड़े व्रत, पर्व रहेंगे। साथ ही अक्षय तृतीया (10 मई) और बुद्ध पूर्णिमा (23 मई) जैसे बड़े व्रत-पर्व आएंगे। वहीं, अगले दो माह तारा अस्त होने के कारण विवाह मुहूर्त भी नहीं होंगे। केवल आखातीज का एक ही अबूझ मुहूर्त इस दौरान होगा। गुरु और शुक्र अस्त होने के कारण मई-जून में विवाह नहीं होंगे। वहीं, 7 जुलाई से फिर से विवाह शुरू होंगे।
जल दान करना है लाभकारी

पं. जगदीश दिवाकर के अनुसार, यूं तो भगवान भोलेनाथ पर कभी भी जल अभिषेक करना बहुत फलदायी है। लेकिन वैशाख के पावन महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने या गलंतिका बंधन करने का (जल से भरी हुई मटकी लटकाना) विशेष पुण्य बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार इस माह में प्याऊ लगाना, छायादार वृक्ष की रक्षा करना, पशु-पक्षियों के लिए चुग्गे की व्यवस्था करना, राहगीरों को जल पिलाना जैसे सत्कर्म मनुष्य के जीवन को समृद्धि के पथ पर ले जाते हैं। स्कंद पुराण के अनुसार इस माह में जल दान का सर्वाधिक महत्व है अर्थात अनेक तीर्थ करने से जो फल प्राप्त होता है वह केवल वैशाख मास में जलदान करने से प्राप्त हो जाता है।
ये आएंगे व्रत व पर्व –

संकष्टी चतुर्थी – 27 अप्रेलवरुथिनी एकादशी – 4 मईवैशाख अमावस्या – 8 मई

अक्षय तृतीया – 10 मईसीता नवमी – 17 मईमोहिनी एकादशी – 19 मईनरसिंह जयंती – 22 मई
वैशाख पूर्णिमा व्रत, बुद्ध पूर्णिमा – 23 मई

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