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जलवायु परिवर्तन का फायदा उठाने के लिए अनुसंधान की आवश्यकता

locationउदयपुरPublished: Dec 14, 2018 02:31:07 am

Submitted by:

Pankaj

पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान महाविद्यालय नवानिया में राष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य आगाज, समेलन में देश के नामचीन विश्वविद्यालयों से वैज्ञानिकों ने लिया भाग

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जलवायु परिवर्तन का फायदा उठाने के लिए अनुसंधान की आवश्यकता

हेमंत आमेटा . भटेवर . पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान महाविद्यालय नवानिया वल्लभनगर में पशु चिकित्सा विज्ञान एवं तकनीकी सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय वैज्ञानिक राष्ट्रीय सम्मेलन का गुरुवार को शुभारंभ हुआ।कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती दीप प्रज्वलन तथा राजूवास गीत के साथ हुआ। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के कुलपति प्रोफ़ेसर उमाशंकर शर्मा के उद्बोधन के साथ हुआ।शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि पशुपालन का देश के सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान है उन्होंने बताया कि किसान व पशु पालकों की आय को दोगुना करने के लिए खेती बाड़ी तथा पशुपालन को एकीकृत करके आगे बढ़ाना ही महत्वपूर्ण रणनीति होगी।उन्होंने बताया कि हमें जलवायु परिवर्तन का धनात्मक फायदा उठाने के लिए अनुसंधान करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कोटा विश्वविद्यालय कोटा के पूर्व कुलपति प्रो परमेन्द्र कुमार दशोरा ने अपने उद्बोधन में मनुष्य तथा पशुओं के बीच सह सम्भनता पर विस्तार से चर्चा की साथ ही बताया कि पशु उत्पादन के साथ साथ परिस्थितिकी संतुलन बनाए रखना भी आवश्यक है।इससे पूर्व महाविद्यालय प्रोफेसर राजेश कुमार धुडीयां ने अतिथियों का माल्यार्पण,मेवाड़ी पाग एवं अपर्णा पहनाकर स्वागत किया तथा संक्षिप्त में महाविद्यालय के विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला।सोसायटी अध्यक्ष डॉ ए. जे. धामी ने सोसाइटी के विभिन्न गतिविधियों और क्रियाकलापों पर विस्तार से चर्चा की तथा प्रतिभागियों के उत्साहवर्धन हेतु पारितोषिक वितरण किए।डॉ धामी ने बताया कि जीवाणुओं का प्रतिजैविको के लिए प्रतिरोधी होना आज वैज्ञानिकों के लिए सबसे बड़ी समस्या है जिन पर काम करने की आवश्यकता है। इस मौके पर सम्मेलन में प्राप्त वैज्ञानिकों के संप्रेषण की सीवीनियर का विमोचन किया गया। विभिन्न सत्रों में पोस्टर तथा मौखिक में कुल 60 अनुसंधान पत्रों का वैज्ञानिकों द्वारा प्रदर्शन एवं वाचन किया गया।आयोजन सचिव डॉ एस के शर्मा ने सभी अतिथियों प्रतिभागियों एवं छात्र-छात्राओं को धन्यवाद प्रेषित किया।
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