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देखो सरकार का सहयोग और लोगों की दुआएं आई काम तो अब नहीं सूखेगा ऐतिहासिक तालाब का पानी!

locationउदयपुरPublished: May 26, 2019 09:33:30 pm

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

रातीखांईया के नयातालाब का जीर्णोद्वार शुरू, पाल के सौंदर्यीकरण को लेकर भी होगी पहल

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देखो सरकार का सहयोग और लोगों की दुआएं आई काम तो अब नहीं सूखेगा ऐतिहासिक तालाब का पानी!

उदयपुर/ पारसोला. रातीखांईया ग्राम पंचायत में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे ऐतिहासिक नयातालाब के जीर्णोंद्वार के शुरू हुए प्रयासों ने इसके सुनहरे भविष्य की उम्मीदें जगा दी हैं। करीब २ सौ साल पुराने तालाब में अज्ञात सुराग के बीच जनवरी-फरवरी में पानी सूखने की होने वाली समस्या का भी इस जीर्णोंद्वार के बीच समाधान होने की उम्मीदें जगी हैं। राजस्व रिकॉर्ड में दर्शाए हुए तीन बीघा 2 बिस्वा पर सौंदर्यीकरण कार्य भी किया जा है।
कस्बे के गौतमलाल, शंकरलाल, नगजी, देवजी भाई केसरिया, अंदू बाई के साथ पर्यावरण प्रेमी वासूूदेव, ओमप्रकाश जैन, विशाल जैन की मानें तो यह तालाब करीब 2 सौ साल पुराना है। पटवारी लच्छीराम ने बताया कि ऐतिहासिक तालाब की पाल का दायरा राजस्व खाते में दर्ज है। पूर्व उपसरपंच मनोहर पचोरी ने बताया कि उनके कार्यकाल में तालाब की खुदाई करके सुराग दुरस्त करने की असफल कोशिश की गई थी।
वर्ष 2015~16 मे कस्बे के युवाओं ने धरियावद तत्कालीन उपखण्ड अधिकारी दिनानाथ बब्बल को ऐतिहासिक ताल तलैया व बावडिय़ों के जीर्णोद्वार को लेकर ज्ञापन सौंपा था। पूर्व सरपंच जीवाराम मीणा ने बताया कि रातीखाईयां तालाब में वर्षभर पानी रहने से कस्बे का जलस्तर बना रहता है।
इधर, ग्राम विकास अधिकारी बाबूलाल रामावत ने बताया की पारसोला निठाउवा के मुख्य मार्ग से वन नाका से 500 मीटर की दूरी पर बने तालाब के पुन: जीर्णोद्वार के लिए तालाब पेटे मे खुदाई कर उसे गहरा कराया जा रहा है। ऐतिहासिक पाल के सौन्दर्यीकरण के लिए बजट स्वीकृत हुआ है। ग्राम पंचायत सरपंच अम्बा देवी मीणा ने बताया कि इस तालाब के जीवित होने से पारसोला में पेयजल संकट की समस्या से भविष्य में निजात मिलेगी।

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