हिन्दू पंचांग के अुनसार भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में अर्धरात्रि को कृष्ण का जन्म हुआ था । इसलिए हर साल इसी तिथि पर और इसी नक्षत्र में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है । वैद माता संस्था के पंडित अम्बा लाल शर्मा ने बताया कि इस बार भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी रात्रि 8:47 बजे से शुरू होकर अगले दिन 3 सितंबर को रात्रि 8:04 बजे समाप्त हो जाएगा । 2 सितंबर को स्मार्त कृष्ण जन्माष्टमी मनाएंगे और 3 सितंबर को वैष्णवों सम्प्रदाय के लिए कृष्ण जन्मोत्सव का त्योहार मनायेगे । वैष्णव कृष्ण जन्माष्टमी 3 सितंबर को है और व्रत का पारण अगले दिन यानी कि 4 सितंबर को सूर्योदय से पहले 6:13 पर होगा. पंडित शर्मा ने बताया कि जन्माष्ठमी महोत्सव को लेकर मुहूूर्त जन्माष्टमी निशीथ काल पूजन का समय: 2 सितंबर मध्यरात्रि 11:57 से 12:48 तक शुभ मुहूर्त है गृहस्थ लोग 2 सितंबर को ही कृष्ण जन्माष्टमी 2018 व्रत करेंगे ।
READ MORE : कृष्ण जन्माष्टमी पर्व रविवार को, जगदीश चौक में सोमवार को होगा मटकी फोड़ उत्सव… जन्माष्टमी की तिथि : इस बार अष्टमी 2 सितंबर की रात 08:47 पर लगेगी और 3 तारीख की शाम 07:20 पर खत्म हो जाएगी. अष्टमी तिथि प्रारंभ: 2 सितंबर 2018 को रात 08 बजकर 47 मिनट. अष्टमी तिथि समाप्त: 3 सितंबर 2018 को शाम 07 बजकर 20 मिनट. रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ: 2 सितंबर की रात 8 बजकर 48 मिनट. रोहिणी नक्षत्र समाप्त: 3 सितंबर की रात 8 बजकर 5 मिनट. व्रत का पारण: 3 सितंबर की रात 8 बजकर 05 मिनट के बाद. कृष्ण लीला मंचन, मटकी फोड़ सहित विविध आयोजन होंगे जन्माष्ठमी पर्व को सभी जगह अलग-अलग तरीके से इस महापर्व को मनाते हैं । भक्त इस दिन भगवान के जन्म की खुशी में दिन भर व्रत रखेंगे वही कृष्ण की महिमा का गुणगान भजन संध्या होगी । दिन भर घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन होंगे । वहीं मंदिरों में कृष्ण लीला की झांकियां निकाली जाएगी वही क्षेत्र के स्कूलों में एक दिन पूर्व से ही श्रीकृष्ण लीला का मंचन होगा । वही अनेक जगहो पर दही हांडी मटकी फोड़ महोत्सव होगा ।