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देश आजाद होने की खुशी में बनाई थी बेसन चक्की, 70 सालोंं बाद भी कायम है वही मिठास

locationउदयपुरPublished: Aug 17, 2019 02:38:15 pm

Submitted by:

madhulika singh

आजादी के बाद से हर त्यौहार में मिठास और उल्लास के रंग गोल रही है भटेवर की प्रसिद्ध बेसन चक्की

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देश आजाद होने की खुशी में बनाई थी बेसन चक्की, 70 सालोंं बाद भी कायम है वही मिठास

हेमन्त गगन आमेटा/ भटेेेेवर. उदयपुर जिले के भटेवर कस्‍बे में आजादी के बाद करीबन 60 सालोंं से हर त्यौहार व राष्ट्रीय पर्व पर शुद्ध और हाथों से बनाए गए विभिन्न प्रकार के पदार्थों से बनी बेसन चक्की हर किसी की जुबान पर अलग ही स्वाद छोड़़ रही है। भटेवर कस्‍बे में आजादी के बाद से ही हर त्यौहार को और भी खासकर तथा यादगार बनाने के लिए बेसन चक्की को खास माना जाता है और बेसन चक्की के साथ लोग त्यौहार में मिठास व उल्लास के रंग में घुलकर त्यौहार को सेलि‍ब्रेट करते हैंं। त्यौहारोंं पर यह अमूूमन देखा जाता है कि बाजाराेें में मिठाइयों की डिमांड अत्यधिक होने से मिलावटी सिंथेटिक मावा को मिठाइयां बनाने में प्रयोग किया जाता है जिससे लोगोंं के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव होता है। लेकिन इस बेसन चक्की में खासकर बात यह है कि इसको हर रोज सबके सामने बनाया जाता है। बेसन चक्की बनाने वाले नारायण लाल आमेटा ने बताया कि आजादी के बाद से बेसन चक्की की मिठाई बनाने का काम शुरू किया था। बेसन चक्की में शुद्ध और हाथोंं से बने अन्‍य पदार्थोंं व घर जैसा अपनापन एक साथ घोलने से इसकी खुशबूू व स्वाद हर किसी को खींंच कर लाने लग गई। इसके बाद कई गांंवोंं कस्‍बोंं के साथ देश विदेश के लोग बेसन चक्की को लेने के लिए आते हैंं।
इस प्रकार से बनती है बेसन चक्की: बेसन चक्की के जनक नारायण लाल आमेटा ने बताया कि सबसे पहले चने की दाल को पिसकर बारिक बेसन बनाया जाता है इसके बाद बेसन के मट्ठे बनाकर शुद्ध घी में पकाया जाता है वही पक्के हुए मठ्ठे को कुट कर बारिक बुरादा बनाने के बाद एक बार फिर शुद्ध घी में धिमी आंच पर पकाया जाता है। इसी बिच शक्कर की चासनी बनाकर पके हुए बुरादे को चासनी में मिलाया जाता है तथा भट्टी पर कुछ देर पहले बनाए गए दुध के मावे और विभिन्न प्रकार के मशालो का मिश्रण कर कढाई में दो से तीन घण्टे तक छोड दिया जाता है। इसके बाद जमने की स्थिति होने पर स्टील के सांचे में ढाल दिया जाता है जमने के कुछ देर बाद शुद्ध बेसन चक्की के छोटे छोट पीस बनाए जाते है।
बेसन चक्की बनाने में इन मसालोंं का होता है प्रयोग: बेसन चक्की बनाने के लिए उसमें डालने वाले मावे को भी खुद बनाया जाता है। इसमें दूूध को कढाई में लेकर कई घण्टोंं तक भट्टी पर धीमी आंच में उबाला जाने के बाद शुद्ध मावा तैयार किया जाता है। वहींं प्रमुख मसालोंं में जायफल, जावंत्री व इलायची के छिलकोंं सहित हाथ से कई घण्टोंं तक लोहे के पात्र में कूूट कूूट बारीक बनाया जाता है । यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक की मसालोंं में एक विशेष प्रकार की महक ना आ जाए, यह क्रम जारी रहता है प्रतिदिन लोगोंं के सामने यह प्रक्रिया निरतंर जारी रहती है, उसके बाद बेसन चक्की बनाई जाती है।
त्यौहार में इन जगहोंं पर जाती है बेसन चक्की: त्यौहार व राष्‍ट्रीय पर्वोंं के साथ हर प्रकार के समारोह में अलग मिठास घोलने के लिए उदयपुर जिले के विभन्न गांंवोंं कस्‍बोंं के साथ राजस्थान के कई जिलोंं के लोग यहां आकर एक बार बेसन चक्की का स्वाद चखकर जाते हैंं वहींं विदेशोंं में अमेरीका, दुबई, सिंगापुर, मस्कत, ओमान, जापान, साउदी अरब में काम करने वाले प्रवासी भारतीय अपने परिवार जनोंं के लिए बेसन चक्की साथ लेकर जाते हैंं तथा भारत के कई राज्योंं में काम करने वाले लोग भी हर त्यौहार में बेसन चक्की लेने के लिए भटेवर आते हैंं।
बेसन चक्की के साथ नमकीन भी लोगोंं को करती है आकर्षित: बेसन चक्की के साथ-साथ शुद्ध तेल का प्रयोग करके बनाई गई विभिन्न प्रकार की नमकीन भी लोगोंं को आकर्षित करती है। इसमें सेगारी चिवडा, लहसुन सेव, लोंग सेव, बेसन पपडी बिना किसी आधुनिक मशीनोंं के बजाए हाथ से बनाई जाती है। इसमें पड़़ने वाले मसालोंं में लोंग, कालीमिर्च, हिंग, सौप, धनिया, हरीमिर्च, लाल मिर्च, लहसुन आदि‍ि‍ प्रकार के मसालोंं को हाथ से तैयार किया जाता है।

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