शहर के उदियापोल-सिख कॉलोनी के बीच आरसीए परिसर से निकल रही निर्माणाधीन सुनसान रोड पर बुधवार रात कार सवार चार युवकों ने आबकारी विभाग के सहायक प्रशासनिक अधिकारी यशवंत शर्मा (56) की चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी थी। घटना के दौरान उनकी पुत्री नेहा व पांच वर्षीय दोहता विहान साथ था। सभी अहमदाबाद में इलाज करवा कर उदयपुर लौटे थे। इस पूरे घटनाक्रम का गुरुवार को खुलासे के बाद शहर में सनसनी फैल गई थी और लोगों ने अपराधियों के हौंसेले बुलंद होने पर पुलिस के प्रति आक्रोश जताया था।
200 से ज्यादा संदिग्धों को उठाया
आरोपियों ने जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया, उससे आमजन के साथ ही पुलिस को भी हिला कर रख दिया। खुद अधिकारियों ने स्वीकार किया कि उदयपुर में अपराध जगत अब तक गैंगवार व अन्य कारणों से कई वारदातें हुई लेकिन एक बेटी व पांच साल के दोहते के सामने आरोपियों ने जघन्य हत्याकांड को अंजाम देकर चुनौती दी है। पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने वारदात के बाद से ही कई टीमें गठित सभी की नींद कर दी।
सूरजपोल थाने में पकड़े 48 गरदुल्ले
पुलिस ने शहर के अलग-अलग इलाकों से गरदुल्लों को उठाकर पूछताछ की। एएसपी हर्ष रत्नू के निर्देशन में सूरजपोल थाना पुलिस ने 48 गरदुल्लों को उठाया और उनसे विस्तृत पूछताछ की। कइयों की वारदात के समय की लॉकेशन भी टटोली गई। पुलिस ने तस्दीक के बाद उन्हें हाथोंहाथ छोड़ दिया।
फुटेज में नहीं दिखे वैन के नम्बर
हमलावरों ने जिस वैन कार में यशवंत शर्मा, उनकी बेटी और दोहिते को लिफ्ट दी। वह कार सीसीटीवी फुटेज कैद हुई लेकिन नम्बर स्पष्ट नजर आए। पुलिस ने वैन के रंग और प्रत्यक्षदर्शी नेहा के बताए आधे-अधूरे नम्बर के आधार पर पुलिस परिवहन विभाग से रिकॉर्ड भी खंगाला।
सीसीटीवी कैमरे घटिया क्वालिटी के
अपराधियों की धरपकड़ के लिए प्रदेशभर में राज्य सरकार ने अभय कमांड के तहत प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे लेकिन इनकी घटिया क्वालिटी के कारण ये निरर्थक साबित हो रहे हैं। यशवंत शर्मा हत्याकांड में आरोपी वैन को उदियापोल से सूरजपोल चौराहे होते हुए फतह स्कूल के पीछे वाले मार्ग की तरफ ले गए थे। चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरों में यह वैन तो नजर आ रही है लेकिन पिक्चर क्वालिटी इतनी घटिया है कि नम्बर तक नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में पुलिस को इन कैमरों से ज्यादा मदद नहीं मिल रही है। वैन के पीछे नम्बर प्लेट नहीं थी।
अहम सुराग हाथ लगे है और हत्या का जल्द खुलासा कर दिया जाएगा। पुलिस आरोपियों के बेहद करीब पहुंच गई है।
राजेन्द्रप्रसाद गोयल, पुलिस अधीक्षक