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सट्टे में युवा बर्बाद- तीन पत्ती के साथ, मधु, मिलन का भी कल्याण

locationउदयपुरPublished: Dec 23, 2018 07:50:08 pm

Submitted by:

Mohammed illiyas

मिलीभगत से कानोड़ फिर बना सट्टे का गढ़

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सट्टे की लत में बर्बाद युवा, सटोरियों की चांदी

मोहम्मद इलियास/उदयपुर. कानोड़. कभी शिक्षानगरी के नाम से पहचान रखने वाला कानोड़ आज जिले में सट्टा बाजार का सबसे बड़ा गढ़ बन गया है। यहां के सटोरिये सीधे महानगरों व उदयपुर तथा चित्तौडगढ़़ के निम्बाहेड़ा के बड़े खाइवाल के सम्पर्क में होकर रोज मधु, मिलन, कल्याण के भाव लेकर दांव लगा रहे है तो तीन पत्ती इक्का, दुर्री तीया व मिंडी के दस अंकों का अलग ही खेल चल रहा है। मिलीभगत से चल रहे सट्टे के इस खेल को सटोरियों ने आसपास के गांव में फैलाने के साथ ही युवाओं को बिगाड़ कर रख दिया। प्रतिदिन लाखों के दांव लगने से कई ग्रामीण व युवा कर्जे में डूबने के साथ ही नशे की लत में भी आ गए। सटोरिये सुबह 9 से रात 10 बजे तक मुंबई, मध्यप्रदेश, नागपुर से भाव लेकर मोबाइल पर गलियों व दुकानों पर जाकर दांव लगाते है तो दिनभर के अंक की जानकारी व ऑनलाइन ही उपलब्ध करवा देते है। पुलिस इस मटके के बारे में पूरी तरह से जानकार है, लेकिन वृहद स्तर पर फैले इस धंधे पर उनका कोई अंकुश नहीं है। उदयपुर में सटोरियों द्वारा कानोड़, निम्बाहेड़ा, चित्तौडगढ़़ में बॉम्बे के मटके मिलन, मध्यप्रदेश के कल्याण व नागरपुर के सिंधी व मधु के भाव भेजे जाते है। कई ग्रामीण सटोरिये तो अहमदाबाद व मुंबई से सीधे सम्पर्क में रहते है। सुबह नौ बजे दुकान खुलने से 12 बजे तक यह खेल चलता है।

यूं लगता है पैसा

पर्ची पर अंक व अनकी जोड़ पर पैसा लगता है। उदाहरण एक से दस के अंकों के बीच कोई भी तीन अंक खुलते है। जैसे 1, 3,6 बराबर 0 इन तीन अंकों में कुछ लोग प्रत्येक अंक पर पैसा लगाते है तो कुल जोड़ पर एक अंक पर 150 व कुल जोड़ पर एक रुपए पर दस रुपए मिलता है। इसके अलावा डबल अंक जैसे 3, 3, 2 खुला तो एक अंक पर तीन सौ रुपए मिलता है। इसी तरह तीन पत्ती की खेल में इक्का, दुर्री तीया व मिंडी के सहित प्रत्येक पत्ती के अंक पर पैसा लगता है।

धर्मस्थलों के आसपास बना लिया अड्डा
गली मोहल्लों में खेलते-खेलते सटोरियों ने अब धाॢमक स्थलों के आसपास के क्षेत्र में अड्डे बना लिए। कस्बे में कुछ इलाके ऐसे है जहां पर खुलेआम यह खेला जा रहा है। लुणदा, अमरपुरा गांव के चौराहे पर अड्डे होने के बावजूद पुलिस जानकार भी अनजान बनी हुई। कस्बेवासियों की शिकायत पर भी पुलिस-प्रशासन इस पर कार्रवाई नहीं कर रहा।

अपराध व नशेड़ी बढ़ गए

सट्टे के इस खेल के चलते कस्बे व आसपास के गांव में युवा व ग्रामीण कर्जे में डूब गए तो कई नशे के आदी हो गए। इतना ही पारिवारिक झगड़ों में इस खेल की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आ रही है।

सुबह से शाम तक चहल पहल
– सट्टा बाजार में सुबह 11.30 बजे शुरु होता है

– 11.30 से एक बजे तक बजे मधु मोर्निंग की जानकारी
– 3.00 बजे मिलन

– 4.00 बजे कल्याण
– 5-6 बजे जोड़ी
– 8.30 बजे मधु नाइट
– रात 9 से 9.30 बजे मिलन व क्लॉज


पूर्व में भी उदयपुर पुलिस ने मारा था छापा

सट्टे के इस कारोबार की लगातार शिकायत होने पर पूर्व में भी उदयपुर पुलिस ने आकस्मिक छापा मारा था तब बड़े स्तर पर इस कारोबार का खुलासा हुआ था लेकिन इस धंधे ने वहां एक बार फिर से पांव पसार लिए। जिससे लोगों में खासा आक्रोश है।

सट्टे भी पूरी तरह से अंकुश है, अभी यहां पर कोई सट्टा नहीं चल रहा है। फिर भी कहीं है तो दिखाते है।
गजसिंह सिसोदिया, कानोड़ थानाधिकारी

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