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रंग बदल रहा ‘खरबूजा, ककड़ी व टमाटर को लगी ‘नजर

locationउदयपुरPublished: May 26, 2019 09:09:13 pm

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

किसानों का नहीं मिल रहा मेहनताने का भाव, सब्जी मंडी के अभाव में औने-पौने दामों में बिक रही है सब्जी, प्रतिदिन सैकड़ों क्विंटल सब्जी पहुंचती है झाड़ोल

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रंग बदल रहा ‘खरबूजा, ककड़ी व टमाटर को लगी ‘नजर

उदयपुर/झाड़ोल. उपखण्ड क्षेत्र में गर्मी के मौसम में रंग बदल रहे खरबूजे, टमाटर व ककड़ी की बंपर पैदावार से बाजार में सब्जियों के भाव औंधे मुंह गिर गए हैं। ग्रामीण इलाकों से उपखण्ड मुख्यालय पर प्रतिदिन पहुंचने वाली हजारों क्विंटल सब्जी की अधिकता के बीच किसानों को उनका मेहनताना भी नहीं मिल रहा। सब्जी मंडी के अभाव में किसानों को हो रहे नुकसान के प्रति किसी भी स्तर पर मंथन नहीं हो रहा। ऐसे में क्षेत्रीय किसानों के चेहरे में मायूसी गहराने लगी है। आलम यह है कि मजबूरी में किसानों को टमाटर 10 से 15 रुपए प्रति किलो तो खरबूजा महज 10 से 15 रुपए प्रति किलोग्राम बेचना पड़ रहा है। जबकि, शहरी बाजार में यही सब्जियां और फल 40 रुपए प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है।
गौरतलब है कि सुबह 6 बजे उपखण्ड मुख्यालय पर पहुंचने वाले सैकड़ों ग्रामीणों के लिए सब्जी बेचने के लिए कोई नीयत स्थान नहीं है। गली-मौहल्लों में थोक में बिकने वाली सब्जी को लेकर खरीदारों का मोलभाव होता है, जिससे किसानों को खासा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। किसानों की मानें तो अचानक खरबूजा, ककड़ी, टमाटर, मिर्ची, बैगन, धनिया, लौकी, पालक, भिण्डी, गवार फली के दामों में आई भारी गिरावट के बीच उनकी मजदूरी और किराए का रुपया भी नहीं निकल पा रहा है।
चिंतित हुआ गरीब किसान
क्षेत्र के कोचला, झाड़ोल तालाब, महादेव जी काड, गोदाणा काड, सुल्लतानजी का खेरवाड़ा, देवास, रामिया, नयारहट, बैरणा, आवरड़ा, गोराणा, खाखड़, सगपुरा, गोगला सहित दर्जन भर गांवों के किसान प्रतिदिन सब्जियों बेचने के लिए झाड़ोल आ रहे हैं। शहरी बाजार की अपेक्षा किसानों को उपखण्ड मुख्यालय में हर सब्जी पर प्रतिकिलो 15 से 30 रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है। ताजी सब्जी होने के बाद भी किसानों को उनकी मेहनत नहीं मिल रही। पीडि़त किसानों ने एक बार फिर से सब्जी मंडी खोलने की मांग की है। उनकी मानें तो सब्जियों के सही भाव मिलने से उन्हें समर्थन मूल्य का फायदा ही नहीं मिलेगा। आर्थिक फायदा भी होगा।
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